डीडीहाट से विधायक और पूर्व मंत्री बिशन सिंह चुफाल के उत्तराखंड के नए मंत्रिमंडल में शामिल नहीं होने से अटकलें तेज हो गई हैं कि नवनियुक्त मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पिथौरागढ़ जिले की इस सीट से चुनाव लड़ेंगे. धामी मूल रूप से पिथौरागढ़ जिले के रहने वाले हैं. हालांकि हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में खटीमा विधानसभा सीट से हार के बाद छह विधायकों ने धामी के लिए अपनी सीट खाली करने की पेशकश की.
राजनीतिक पर्यवेक्षकों ने कहा कि डीडीहाट, धामी के लिए चुनाव लड़ने के लिए एक सुरक्षित सीट होगी क्योंकि वह हडखोला गांव के मूल निवासी हैं. मुख्यमंत्री को छह महीने के भीतर विधानसभा के लिए चुना जाना है.
राज्यसभा के लिए नामित किए जाने की अटकलों के बीच छह बार के विधायक बिशन सिंह चुफाल ने कहा कि पार्टी आलाकमान उनसे जो चाहेगा वह करेंगे. उन्होंने कहा कि पार्टी मुझसे जो भी करने को कहेगी मैं वह करूंगा.
डीडीहाट में पिछले दो विधानसभा चुनावों में दूसरे स्थान पर रहे जिला पंचायत के पूर्व अध्यक्ष किशन सिंह भंडारी ने कहा कि वह मुख्यमंत्री द्वारा सीट से अपनी उम्मीदवारी की घोषणा के बाद ही उनके खिलाफ चुनाव लड़ने के अपने फैसले की घोषणा करेंगे.
इस बीच, जिन विधायकों ने धामी के लिए अपनी सीट खाली करने की पेशकश की, उन्होंने अपना प्रस्ताव दोहराया. इनमें चंपावत से कैलाश गहतोड़ी, जागेश्वर से मोहन महरा, लालकुआ से डॉ मोहन सिंह बिष्ट, रुड़की से प्रदीप बत्रा और खानपुर से उमेश कुमार शामिल हैं.
गहतोड़ी ने कहा कि धामी ने सिर्फ छह महीने के कार्यकाल में सीएम के रूप में अपनी पहचान बनाई. वह राज्य की बेहतरी के लिए काम करना चाहते हैं. मैंने सबसे पहले उनके लिए अपनी सीट खाली करने की पेशकश की थी. जब भी वह मुझसे पूछेंगे, मैं विधानसभा की सदस्यता छोड़ दूंगा.
लालकुआं के विधायक मोहन सिंह बिष्ट ने कहा, हां, मैंने धामी के लिए अपनी सीट की पेशकश की थी और मैंने जो कहा था उस पर कायम हूं. अगर धामी यहां से चुनाव लड़ने का फैसला करते हैं तो यह लालकुआं के विकास के लिए फायदेमंद होगा. बता दें कि धामी ने बुधवार को देहरादून में लगातार दूसरी बार उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. उनके साथ आठ कैबिनेट मंत्रियों को भी शपथ दिलाई गई.