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कांवड़ यात्रा रोकने को हरिद्वार पुलिस सख्त, 14 दिन का संस्थागत क्वरंटाइन में रखे जाने और वाहन जब्ती जैसे प्रावधान

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हरिद्वार| कुंभ में हुई फजीहत से सीख लेते हुए उत्तराखंड सरकार ने मंगलवार को कांवड़ यात्रा को स्थगित करने का फैसला लिया था. अब प्रशासन की तरफ से यात्रा को रोकने के लिए हरिद्वार बॉर्डर को 22 जुलाई से सील कर दिया. उत्तराखंड में कांवड़ यात्रा पर रोक लगने के बाद स्थानीय प्रशासन ने राज्य में बाहर से आने वाले लोगों को नियंत्रित करने के लिए कदम उठाने शुरू कर दिए हैं.

हरिद्वार के एसएसपी ने कांवड़ यात्रा के लिए लोगों से जिले में न आने की अपील की है. एसएसपी ने गुरुवार को कहा कि बाहरी राज्यों से आने वाले लोगों को 14 दिनों तक संस्थागत क्वरंटाइन में रखे जाने का प्रावधान है. इसके अलावा जिले में दाखिल होने का प्रयास करने वाले लोगों का वाहन जब्त कर लिया जाएगा. पुलिस अधिकारी ने कहा कि नियम तोड़ने वाले लोगों के खिलाफ आपदा प्रबंधन कानून के तहत कार्रवाई होगी.

उत्तराखंड सरकार ने रद्द की है इस साल कांवड़ यात्रा
देश में कोरोना महामारी की तीसरी लहर के खतरे को देखते हुए उत्‍तराखंड सरकार ने इस साल कांवड़ यात्रा रद्द करने का फैसला किया है. संक्रमण की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए विशेषज्ञ चाह रहे थे कि सरकारें अपने यहां धार्मिक आयोजनों पर रोक लगाएं. उत्तराखंड सरकार ने पहले कांवड़ यात्रा को इजाजत दी थी लेकिन इस यात्रा पर रोक लगाने के लिए जब दबाव बड़ा तो उसने इस साल के लिए यात्रा स्थगित कर दी. भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) की उत्तराखंड इकाई ने भी सीएम को पत्र को लिखकर कांवड़ यात्रा पर रोक लगाने की मांग की थी.

कांवड़ यात्रा पर सुप्रीम कोर्ट ने भी सख्ती दिखाई है. उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से कांवड़ यात्रा रद्द नहीं करने की मीडिया रिपोर्टों पर शीर्ष अदालत ने संज्ञान लिया है. इस साल 25 जुलाई से 6 अगस्त तक कांवड़ यात्रा प्रस्तावित है. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड को नोटिस जारी कर कांवड़ यात्रा पर जवाब देने के लिए कहा है. बता दें कि कोरोना की तीसरी लहर कमजोर पड़ने के बाद राज्यों ने अपने यहां प्रतिबंधों में ढील दी है. लोग बड़ी संख्या में पर्यटन स्थलों पर पहुंच रहे हैं. इन जगहों कोविड नियमों का पालन नहीं हो पा रहा है.

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना प्रोटोकाल के नियमों के प्रति यदि लापरवाही बरती गई तो स्थिति फिर गंभीर हो सकती है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बाजारों एवं पर्यटन स्थलों पर कोविड उचित व्यवहार का पालन नहीं होने पर चिंता जाहिर की. केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने बुधवार को राज्यों को एडवाइजरी जारी की और उनसे कोरोना प्रबंधन के उपायों को सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया.

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