Home ताजा हलचल आईएमए ने कोरोना की तीसरी लहर को लेकर जारी की चेतावनी,...

आईएमए ने कोरोना की तीसरी लहर को लेकर जारी की चेतावनी, कहा-तीर्थ यात्राओं-पर्यटन को कुछ दिन के लिए रोका जाए

0
सांकेतिक फोटो

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने कोविड-19 की तीसरी लहर को लेकर चेतावनी जारी की है. संस्था ने सोमवार को राज्यों और केंद्र सरकार से सावधान रहने की अपील की है. आईएमए ने नागरिकों और अधिकारियों की लापरवाहियों पर दुख जाहिर किया.

इससे पहले ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज दिल्ली (AIIMS) के निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने कहा था कि अगर कोविड संबंधी नियमों का पालन नहीं किया, तो तीसरी लहर 6-8 हफ्तों में आ सकती है.

आईएमए की तरफ से सोमवार को जारी प्रेस विज्ञप्ती में कहा गया है, ‘किसी भी महामारी के इतिहास को देखते हुए तीसरी लहर का आना तय है और यह नजदीक ही है… हालांकि दुखद है कि देश के कई हिस्सों में सरकार और जनता कोविड नियमों का पालन किए बगैर आयोजनों में जुटी हुई है.’ संस्था ने चेतावनी दी कि भारत हाल ही में विनाशकारी तीसरी लहर से बाहर निकला है.

इस दौरान आईएमए ने सामाजिक आयोजनों समेत कई मुद्दों पर सलाह दी है. एसोसिएशन ने कहा, ‘पर्यटन, तीर्थयात्रा, धार्मिक कार्यक्रम ये सब जरूरी हैं, लेकिन ये कुछ और महीनों का इंतजार कर सकते हैं. इन आयोजनों का शुरुआत करना और लोगों को इन समारोहों में बगैर टीकाकरण के मुक्त घूमने की अनुमति देना, तीसरी लहर के संभावित सुपर स्प्रेडर हो सकते हैं.’

आईएमए ने आगे कहा है कि बीते डेढ़ साल के अनुभव को देखें, तो तीसरी लहर के असर को टीकाकरण और कोविड संबंधी व्यवहार के जरिए कम किया जा सकता है. संस्था के अध्यक्ष डॉक्टर जॉनरोज ऑस्टिन जयलाल ने भी एक वीडियो मैसेज के जरिए कोविड की तैयारियों पर बात की. उन्होंने राज्य सरकारों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महामारी के खिलाफ एकुजुट लड़ाई और सामूहिक कार्यक्रमों को नियंत्रित करने के विजन को समझने की अपील की. उन्होंने कहा, ‘इस अहम समय पर अगले दो-तीन महीनों में… हमें कोई जोखिम नहीं लेना चाहिए.’

पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, हैदराबाद विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति रहे एक वरिष्ठ भौतिकशास्त्री ने भारत में कोविड-19 के संक्रमण के प्रसार का विस्तार से विश्लेषण किया है और उन्होंने सोमवार को कहा कि संभवत: चार जुलाई से ही संक्रमण की तीसरी लहर शुरू हो चुकी है. देश में पिछले 463 दिन में संक्रमण के मामलों और उससे मौतों की संख्या के आंकड़ों का अध्ययन करने का एक विशेष तरीका विकसित करने वाले डॉ विपिन श्रीवास्तव ने कहा कि चार जुलाई की तारीख, इस साल फरवरी के पहले सप्ताह जैसी लगती है जब दूसरी लहर शुरू हुई थी.



NO COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Exit mobile version