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उत्तरांचल टुडे विशेष: बिहार की सत्ता से तीन दशक से दूर कांग्रेस इस बार भी दूसरों के सहारे ही चुनाव मैदान में

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बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर जहां भारतीय जनता पार्टी, जेडीयू, राष्ट्रीय जनता दल और लोक जनशक्ति पार्टी में उखाड़-पछाड़ चल रही है वहीं कांग्रेस ने अभी तक करवट भी नहीं बदली है. ‘कांग्रेस पार्टी इस बार भी बिहार चुनाव में दूसरों के सहारे ही मैदान में है’.

पार्टी का बिहार चुनाव को लेकर क्या एजेंडा रहेगा, अभी तक राज्य स्तरीय से लेकर कांग्रेस दिल्ली आलाकमान तय नहीं कर पा रहे हैं. बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण की सीटों पर नामांकन के लिए केवल दो दिन ही रह गया है और तीसरे चरण की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है.

इसके बावजूद कांग्रेस नेताओं की कोई रणनीति अभी तक सामने नहीं आई है. ‘राज्य में 1990 से कांग्रेस की जमीन ऐसी खिसकी कि अभी तक वह सत्ता से दूर ही बनी हुई है’.

इस बार भी कांग्रेस के पास बिहार में न तो कोई कद्दावर चेहरा है और न ही जमीनी स्तर पर संगठन खड़ा नजर आ रहा है.

लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार के सहारे कांग्रेस 2015 के चुनाव में 41 में से 27 सीटों जीतने में कामयाब रही थी. इस बार कांग्रेस बिहार में आरजेडी के महागठबंधन में शामिल है.

जिस हिसाब से कांग्रेस बिहार चुनाव में आगे बढ़ रही है उससे तो यही समझा जा सकता है कि वह सिर्फ रस्म अदायगी करना चाहती है.

दूसरी ओर कांग्रेस अभी तक उम्मीदवारों को लेकर भी फैसले नहीं कर पाई है. बता दें कि बिहार में विधानसभा की 243 सीटें हैं जिसमें महागठबंधन के बंटवारे के बाद उसे 70 सीटें मिली हैं.

प्रत्याशियों को लेकर असमंजस में पार्टी, अभी तक 21 के ही नाम तय कर पाई
बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस अपने उम्मीदवारों को लेकर अभी तक असमंजस में है. जबकि तीसरे चरण के चुनाव की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है. ‘कांग्रेस ने बिहार के पहले चरण की 21 प्रत्याशियों की लिस्ट अब तक जारी की है, जबकि अभी 49 सीटों पर प्रत्याशी के नाम तय करने हैं’.

वहीं राष्ट्रीय जनता दल ने अपने सभी 144 सीटों में से करीब 140 उम्मीदवारों के नाम का एलान कर दिया है, लेकिन कांग्रेस अभी भी अपनी सीटों को लेकर माथापच्ची करने में जुटी है. जबकि कांग्रेस ने अपनी सीटों के उम्मीदवारों की पहली लिस्ट 7 अक्टूबर यानी एक सप्ताह पहले जारी की थी.

कांग्रेस के प्रत्याशियों के नाम फाइनल करने में सबसे बड़ी वजह यह है कि पार्टी में अंदरूनी की खींचतान इतनी अधिक है कि आलाकमान बहुत सोच समझ कर फैसला कर रहा है. वहीं कांग्रेस आलाकमान बिहार चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल पर निर्भर बना हुआ है.

अभी तक दिल्ली से कांग्रेस का कोई बड़ा नेता बिहार में चुनावी तैयारी को लेकर न पहुंचने से कांग्रेसी कार्यकर्ताओं में भी उदासी छाई हुई है. कांग्रेस की आज शाम प्रत्याशियों को लेकर महत्वपूर्ण बैठक होने जा रही है. संभव है शाम तक या कल तक कांग्रेस बाकी अपने उम्मीदवारों के नामों का एलान कर सकती है.

अभी तक बिहार चुनाव को लेकर कांग्रेस के स्टार प्रचारकों ने नहीं दिखाई सरगर्मियां
बिहार चुनाव को लेकर कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने स्टार प्रचारकों की लिस्ट लंबी चौड़ी बना दी है.

आपको बता दें कि पीएम मनमोहन सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, मशहूर अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा, राज बब्बर और कई अन्य नेता बिहार विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी के स्टार प्रचारक होंगे. इसके अलावा सोनिया गांधी ने बिहार चुनाव प्रबंधन और समन्वय समिति का प्रभारी महासचिव रणदीप सुरजेवाला को बनाया है.

वहीं राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पंजाब के सीएमअमरिंदर सिंह एवं छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल, पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार, गुलाम नबी आजाद, राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट, मुंबई कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष संजय निरूपम और शकील अहमद ये वो सदस्य हैं जो बिहार चुनाव का प्रचार-प्रसार करेंगे.

बता दें कि इस चुनाव में राजद और वामदलों के साथ तालमेल कर उतर रही कांग्रेस 70 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. राजद 144 और वाम दल 29 सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं.

गौरतलब है कि बिहार विधानसभा की 243 सीटों के लिए तीन चरणों में 28 अक्टूबर, तीन नवंबर और सात नवंबर को मतदान होगा और मतगणना 10 नवंबर को होगी.

सही मायने में देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस राजद और वामदलों के सहारे ही इन चुनावों में अपनी नैया पार लगाने की जुगत में लगी हुई है.

शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार

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