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गूगल ने किया किस बारे में खुलासा जो है खतरे की घंटी, आप भी पढ़े

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सांकेतिक फोटो

गूगल की एक रिपोर्ट का कहना है कि रैंसमवेयर की मुसीबत झेल रहे दुनिया के 140 देशों की लिस्ट में भारत छठवें नंबर पर है. रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले डेढ़ साल में लगभग 80 मिलियन से ज्यादा रैंसमवेयर सैम्पल्स का एनालिसिस करने के बाद गूगल इस नतीजे पर पहुंचा है. इस एनालिसिस के लिए 140 देशों से 80 मिलियन से ज्यादा रैंसमवेयर सैम्पल्स जमा किए गए थे.

ये एनालिसिस गूगल के लिए VirusTotal ने किया है. 2004 में लॉन्च हुई VirusTotal का सितंबर 2012 में गूगल ने अधिग्रहण कर लिया था. फिर जनवरी 2018 में VirusTotal, गूगल क्लाउड प्लेटफार्म (GCP) की साइबर सिक्योरिटी कंपनी क्रॉनिकल सिक्योरिटी के कण्ट्रोल में चली गयी.

VirusTotal की ये रिपोर्ट दुनिया भर के सिक्योरिटी प्रैक्टिशनर्स, रिसर्चर्स और आम लोगों को इन रैनसमवेयर अटैक्स का असली रूप समझने में मदद करती है. इस रिपोर्ट से साइबर प्रोफेशनल्स को संदेहपूर्ण फाइल्स, डोमेन्स, URLs और IP एड्रैस को अच्छे से एनालिसिस करने में सहायता मिलती है. VirusTotal के विसेन्ट डियाज़ ने ये जानकारी देते हुए पहली रैनसम वेयर एक्टिविटी रिपोर्ट के बारे में बताया.

डियाज़ ने बताया कि साल 2020 के पहले दो क्वार्टर्स में रैनसम वेयर एक्टिविटीज बेहद ज्यादा बढ़ गयी थीं मगर फिर बाद में इनमें एकदम से कमी आ गयी. 2020 और 2021 के पहले 6 महीनों में लगभग 130 अलग रैनसम ग्रुप्स एक्टिव थे. इनमें से कम से कम 100 रैनसम ग्रुप्स की एक्टिविटीज कभी नहीं रुकती.

हैकर्स अब ना सिर्फ पैसे की मांग करते हैं बल्कि पैसे ना देने की सूरत में या फिर लीगल एक्शन लेने पर संवेदनशील और महत्वपूर्ण जानकारियाँ लीक करने की धमकी भी देने लगे हैं. हैकर्स रैनसम अटैक के लिए अलग अलग तरीके इस्तेमाल करते हैं. ये मैलवेयर अटैकर्स रैनसम अटैक के लिए बॉटनेट मैलवेयर या दूसरे रिमोट एक्सेस ट्रोजन्स (RATs) का इस्तेमाल करते हैं.

ज्यादातर केसेस में अटैक के लिए नए रैनसमवेयर सैम्पल्स का इस्तेमाल हो रहा है. इजराइल रैनसमवेयर एक्टिविटीज के सबसे ज्यादा निशाने पर रहता है और इजराइल द्वारा रिपोर्ट की गई ऐसी एक्टिविटीज बोटमलाइन से 600 गुना ज्यादा थी.

भारत भी लगातार रैनसमवेयर एक्टिविटीज के निशाने पर रहता है और 140 देशों की लिस्ट में भारत का स्थान छठवां है, जोकि चिंता का विषय है. रिपोर्ट ने बताय की गूगल Chrome OS क्लाउड पर किसी भी तरह के रैनसम वेयर अटैक नहीं हुआ है.

साभार-नवभारत

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