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आज नौसेना के बेड़े में शामिल होगा INS कवरत्ती, जानिए खासियतें

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स्वदेशी आईएनएस कवरत्ती
नई दिल्ली| पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सीमा विवाद के बाद भारत खुद को चारों तरफ से मजबूत करने में लगा हुआ है. इसी कड़ी में भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे पनडुब्बी रोधी प्रणाली से लैस स्वदेशी आईएनएस कवरत्ती को आज नौसेना के बेड़े में शामिल करेंगे. मेड इन इंडिया आईएनएस कवरत्ती पोत को भारतीय नौसेना के संगठन डायरेक्टॉरेट ऑफ नेवल डीजाइन (डीएनडी) ने डिजाइन किया है. इसका निर्माण कोलकाता के गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स ने किया है. आत्मनिर्भर भारत की दिशा में यह एक अहम कदम है. इस पोत के नौसेना में शामिल होने से इसकी ताकत में और भी इजाफा होगा. आईएनएस कवरत्ती के नौसेना में शामिल होने पर अधिकारियों का कहना है कि ये अत्याधुनिक हथियार प्रणाली है और ऐसे सेंसर लगे हैं जो पनडुब्बियों का पता लगाने और उनका पीछा करने में सक्षम हैं. यह प्रोजेक्ट-28 के तहत स्वदेश में निर्मित चार पनडुब्बी रोधी जंगी स्टील्थ पोत में से आखिरी जहाज है. बता दें कि इससे पहले तीन युद्धपोत भारतीय नेवी को सौंपे जा चुके हैं. जानिए आईएनएस कवरत्ती की खासियतें
  • पनडुब्बी रोधी युद्ध क्षमता के अलावा, पोत को एक विश्वसनीय सेल्फ डिफेंस क्षमता से भी लैस किया गया है और यह लंबी दूरी के अभियानों के लिए बेहतरीन मजबूती भी रखता है.
  • इस पोत में 90 प्रतिशत उपकरण भारतीय हैं.
  • इसके सुपरस्ट्रक्चर के लिए कार्बन कंपोजिट का उपयोग किया गया है, जो भारतीय पोत निर्माण के इतिहास में बड़ी सफलता मानी जा रही है.
  • ये पोत परमाणु, रासायनिक और जैविक युद्ध की स्थिति में भी काम करेगा. आईएनएस कवरत्ती की लंबाई 109 मीटर और चौड़ाई 12.8 मीटर है. ये अत्याधुनिक हथियारों, रॉकेट लॉचर्स, एकीकृत हेलीकॉप्टर्स और सेंसर से लैस है.

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