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विशेष: अच्छा होता पीएम पिछली सरकारों को दोष देने की बजाय पेट्रोल की कीमतें कम करने का रास्ता तलाशते

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कई दिनों से देश में पेट्रोल-डीजल के दामों में बेतहाशा वृद्धि हो रही है. पेट्रोल के दाम कई राज्यों में 100 रुपए लीटर पार कर गए हैं. ऐसे ही डीजल के दामों में वृद्धि होती चली जा रही है‌. गुरुवार को भी लगातार दसवें दिन पेट्रोल-डीजल के दामों में वृद्धि जारी रही. राजस्थान, महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश में पेट्रोल सेंचुरी पार कर गया है.

ईंधन के दाम लगातार बढ़ने से आम और खास सभी की जेबों पर बुरा असर पड़ रहा है. ‌देशवासी कई दिनों से केंद्र की मोदी सरकार की ओर टकटकी लगाए बैठे थे कि सरकार पेट्रोल और डीजल के दामों में कुछ काम करने के उपाय सोचेगी ? लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पुराना सियासी हथकंडा देकर अपना पल्ला झाड़ते दिखे.

‘पीएम मोदी ने कहा कि मौजूदा समय में जो पेट्रोल और डीजल के दामों में वृद्धि हो रही है वह पिछली सरकारों की ही देन है’. प्रधानमंत्री कहा कि पिछली सरकारों ने देश के ऊर्जा आयात पर निर्भरता में कमी पर ध्यान दिया होता तो तेल की कीमतें इतनी नहीं बढ़तीं.

जनता को इसी बात पर संतोष कर लेना चाहिए कि प्रधानमंत्री ने आखिरकार पेट्रोल-डीजल के बढ़े दामों पर बयान दे दिया है. वहीं सोशल मीडिया पर भी तेलों के दामों का बढ़ना छाया हुआ है. ट्विटर पर तेल की कीमतें बढ़ने से जुड़े कई ट्रेंड चल रहे हैं.

यूजर्स इनके जरिए कभी सरकार पर निशाना साध रहे हैं तो कभी फनी ट्वीट्स भी कर रहे हैं. आपको बता दें कि तेल की कीमतें हर राज्‍य में अलग-अलग होती हैं क्‍योंकि स्‍थानीय स्‍तर पर टैक्‍स की दरें अलग-अलग हैं. देशभर में पेट्रोल पर सबसे ज्‍यादा वैल्‍यू ऐडेड टैक्‍स राजस्‍थान में हैं. इसके बाद मध्‍य प्रदेश का नंबर आता है.

शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार

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