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बड़ी खबर: जीएसटी भुगतान में देरी पर एक सितंबर से देना होगा ब्याज

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सांकेतिक फोटो


केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क विभाग ने स्पष्ट किया कि जीएसटी के भुगतान में देरी पर 1 सितंबर से शुद्ध कर देनदारी पर ब्याज लेगा. सीबीआईसी ने 25 अगस्त को अधिसूचित किया कि एक सितंबर 2020 से शुद्ध टैक्स देनदारी पर ब्याज लिया जाएगा. हालांकि यह भरोसा दिलाया गया है कि जीएसटी परिषद की 39वीं बैठक के दौरान लिए गए फैसले के क्रम में केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा पिछली अवधियों के लिए कोई वसूली नहीं की जाएगी.

इससे जीएसटी परिषद द्वारा लिए गए फैसले के क्रम में करदाताओं को पूरी राहत सुनिश्चित की जाएगी. जीएसटी काउंसिल ने मार्च में अपनी 39वीं बैठक में निर्णय लिया था कि 1 जुलाई, 2017 से कुल कर देनदारी पर जीएसटी भुगतान में देरी के लिए ब्याज लिया जाएगा और इसके लिए कानून को संशोधित किया जाएगा.

सीबीआईसी का यह स्पष्टीकरण 1 सितंबर, 2020 तक कुल देनदारी (नकद में कर देयता निर्वहन) पर जीएसटी के विलंबित भुगतान पर वसूले जा रहे ब्याज के संबंध में 25 अगस्त, 2020 की अधिसूचना के संबंध में सोशल मीडिया में आईं कुछ टिप्पणियों के क्रम में आया है.

जब से लेफ्टिनेंट जनरल हरपाल सिंह ने कार्यभार संभाला है तब से सुरंग के काम में बहुत तेजी आ गई थी. वह इसमें व्‍यक्तिगत रुचि ले रहे हैं और अक्‍सर साइट पर आकर काम को देखते रहते हैं. उन्‍हीं के प्रयासों की वजह से कोरोना महामारी के बीच भी सुरंग बनाने का काम चलता रहा.

एएमआरजी एंड एसोसिएट्स के सीनियर पार्टनर रजत मोहन ने कहा कि यह अधिसूचना जीएसटी काउंसिल के फैसलों से अलग लग रही है. जीएसटी काउंसिल के फैसले में करदाताओं को आश्वस्त किया गया था कि उक्त लाभ एक जुलाई 2017 से प्रभावी होंगे. रजत ने कहा, “इसका मतलब यह है कि लाखों करदाताओं को जीएसटी लागू होने के दिन (1 जुलाई 2017) से लेकर अब तक मूल टैक्स देनदारी पर ब्याज देना पड़ सकता है. कारोबारी इस अनुचित और अवैधानिक ब्याज के खिलाफ हाईकोर्ट में चुनौती दे सकते हैं.

सीबीआईसी ने पहले कहा था कि जीएसटी पेमेंट में देरी होने पर जीएसटी कानून में ग्रॉस टैक्स लाइबिलिटी के आधार पर ब्याज के कैलकुलेशन की व्यवस्था है. सकल जीएसटी देनदारी से इनपुट टैक्स क्रेडिट को घटाने पर शुद्ध जीएसटी देनदारी का पता चलता है. ऐसे में सकल जीएसटी देनदारी पर ब्याज की गणना से कारोबारियों पर अतिरिक्त बोझ पड़ता है. जीएसटी भुगतान में देरी होने पर सरकार 18 प्रतिशत की दर से ब्याज लेती है.


बता दें कि जीएसटी काउंसिल की 41वीं बैठक आज 11 बजे होगी. जीएसटी काउंसिल की बैठक में जीएसटी कम्पेनसेशन (GST Compensation) पर चर्चा होगी. सोना बेचने पर तीन फीसदी जीएसटी लगाए जाने पर फैसला हो सकता है. साथ ही, गोल्ड को ई वे बिल के दायरे में लाने और टू व्हीलर्स पर जीएसटी 28 फीसदी से घटाकर 18 फीसदी किया जा सकता है.

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