यूपीएससी ने सुप्रीम कोर्ट में कहा- परीक्षा टालना असंभव, सुप्रीम कोर्ट ने मांगा कारण

संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा 2020 4 अक्टूबर 2020 के लिए निर्धारित है. इसे अभी तक स्थगित नहीं किया गया है.

सुप्रीम कोर्ट ने यूपीएससी से कहा है कि वह अपना जवाब दे और कारण बताए कि परीक्षा क्यों स्थगित नहीं की जा सकती. इस मामले में अब बुधवार 30 सितंबर को सुनवाई होनी है.

सुप्रीम कोर्ट में यूपीएससी का प्रतिनिधित्व करते हुए वकील नरेश कौशिक ने जोर देकर कहा कि परीक्षा को स्थगित करना असंभव है.

उन्होंने बताया कि परीक्षा 30 सितंबर को आयोजित की जानी थी, लेकिन फिर इसे 4 अक्टूबर को कर दिया गया.

उन्होंने तर्क दिया कि परीक्षा को आगे के लिए टालना विभिन्न सरकारी विभागों के लिए परीक्षा आयोजित करने के उद्देश्य को खत्म कर देगा.

जस्टिस खानविलकर ने उन्हें परीक्षा स्थगित न करने के सभी कारणों को सूचीबद्ध कर अदालत में एक हलफनामा दायर करने को कहा.

याचिकाकर्ताओं ने सिविल सेवा परीक्षा परीक्षा को दो से तीन महीने के लिए स्थगित करने का अनुरोध किया है ताकि उस समय तक बाढ़ और लगातार बारिश की स्थिति में सुधार हो जाएगा और कोविड-19 संक्रमण भी कम हो जाएगा.

यह याचिका वासीरेड्डी गोवर्धन साई प्रकाश और अन्य ने दायर की है. यह याचिका यूपीएससी की सिविल सेवा (प्रारंभिक) परीक्षा 4 अक्टूबर को आयोजित करने के खिलाफ 20 अभ्यर्थियों ने दायर की है.

याचिका के अनुसार सात घंटे की ऑफलाइन परीक्षा में देश के 72 शहरों में बने परीक्षा केन्द्रों में करीब छह लाख अभ्यर्थी हिस्सा लेंगे.

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