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पिथौरागढ़: आईटीबीपी के जवानों ने 8 घंटे तक पैदल चलकर शव को पहुंचाया गांव, देखें वीडियो

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शव को कंधे पर लादकर ले जाते आईटीबीपी के जवान-फोटो साभार ANI


उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में आईटीबीपी के जवानों ने मानवता को मजबूती देने का काम किया है. आईटीबीपी के जवानों ने पहाड़ों पर दुर्गम रास्ते से होते हुए 8 घंटे तक पैदल चलकर एक शव को उसके घर तक पहुंचाया है. अब इस घटना की चर्चा पूरे जिले में हो रही है.

लोग जवानों की प्रशंसा करते नहीं थक रहे हैं. जानकारी के मुताबिक, आईटीबीपी के जवानों ने करीब 25 किलोमीटर की दूरी तय कर शव को पिथौरागढ़ जिले के सुदूर इलाका स्थित मनुस्यारी के सउनि गांव में पहुंचाया है.

जवानों ने 30 अगस्त को ही परिजनों को शव सौंप दिया था. कहा जा रहा है कि पत्थर की चपेट में आने की वजह से उस व्यक्ति की मौत हो गई थी.

दरअसल, बीते 23 अगस्त को भी कुछ इसी तरह की खबर पिथौरागढ़ में सामने आई थी. तब चाइना बॉर्डर के करीब बसे लास्पा में 18 अगस्त को रेखा देवी नाम की एक महिला भारी बोल्डर की चपेट में आने से गंभीर रूप से घायल हो गई थी. महिला को इलाज के लिए अस्पताल तक लाना जरूरी था.

दुर्गम पैदल रास्तों से महिला को प्राथमिक इलाज के लिए भी मुनस्यारी पहुंचाना किसी चुनौती से कम नहीं था. लास्पा से मुनस्यारी की दूरी 45 किलोमीटर है. तमाम राजनीतिक संगठनों के साथ कई स्थानीय संगठनों ने रेखा देवी को हेलीकॉप्टर के जरिए हायर सेंटर इलाज के लिए पहुंचाने की गुहार सरकार से लगाई. लेकिन जब सरकार की कुम्भकर्णी नींद नहीं टूटी तो ग्रामीणों ने महिला को खुद ही मुनस्यारी पहुंचाने का निर्णय लिया था.

तब भारत-तिब्बत सीमा पुलिस के कुछ जवानों ने भी ग्रामीणों की मदद की. आईटीबीपी के जवानों की मदद से आखिरकार 45 किलोमीटर का खतरनाक पैदल रास्ता तय कर रेखा देवी को मुनस्यारी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया गया था. बहुत ही सीमित संसाधनों में रेखा का मुनस्यारी स्वास्थ्य केंद्र में इलाज चल रहा है.

जोहार समिति के अध्यक्ष राम धर्मसत्तू ने प्रदेश सरकार के उदासीन बर्ताव पर बहुत ही गुस्सा जाहिर किया था. धर्मसत्तू का कहना था कि गंभीर घायल महिला को हायर सेंटर पहुंचाने के लिए 6 दिन पहले सरकार से मदद मांगी गई थी, लेकिन सरकार को रत्ती भर भी फर्क नहीं पड़ा.

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