Home ताजा हलचल कर्नाटक: हिजाब विवाद पर हाईकोर्ट कोर्ट ने कहा, जल्‍द खोले जाएं स्‍कूल-कॉलेज

कर्नाटक: हिजाब विवाद पर हाईकोर्ट कोर्ट ने कहा, जल्‍द खोले जाएं स्‍कूल-कॉलेज

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कर्नाटक हाईकोर्ट

कर्नाटक में हिजाब विवाद का मसला अब कोर्ट तक पहुंच चुका है. कर्नाटक हाई कोर्ट में इस मसले पर सुनवाई हो रही है. चीफ जस्टिस ऋतु राज अवस्‍थी की अगुवाई वाली तीन सदस्‍यीय पीठ मामले की सुनवाई कर रही है, जिसमें जस्टिस कृष्‍णा एस दीक्षित और जेएम खाजी भी शामिल हैं. हाई कोर्ट की तीन सदस्‍यीय यह पीठ इस मामले में दायर कई याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है.

अदालत में सुनवाई के दौरान उडुपी की गर्ल स्‍टूडेंट्स की ओर से पेश हुए वरिष्‍ठ अधिवक्‍ता संजय हेगड़े ने कहा कि कॉलेजों में लड़कियों को हिजाब के साथ प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा है.

कॉलेज के अधिकारियों के साथ बैठक के बाद भी, याचिकाकर्ताओं को कक्षाओं में जाने की अनुमति नहीं दी गई, उन्हें कॉलेज के बाहर ही बैठने पर मजबूर किया गया. छात्राओं ने तो बस अपने अपने शिक्षा के अधिकार की मांग की है.

उन्‍होंने कहा, 14 जनवरी को प्रिंसिपल ने छात्राओं को कॉलेज के सामने विरोध-प्रदर्शन करने के लिए डांटा. उनसे माफीनामा मांगा गया और इसके लिए उन्‍हें कोरा कागज दिया गया, जिसे छात्राओं ने खारिज कर दिया.

उन्‍होंने कहा कि यून‍िफार्म का हवाला दिया जा रहा है, लेकिन कर्नाटक एजुकेशन एक्‍ट में इसे लेकर कोई विशेष प्रावधान नहीं है. इस दौरान उन्‍होंने अपने कॉलेज और यूनिवर्सिटी के दिनों को भी याद किया और कहा कि उनके समय में भी यूनिफॉर्म नहीं था. यह स्‍कूलों में रहा है, लेकिन कॉलेजों में नहीं.

उन्‍होंने कहा कि यूनिफॉर्म कोड के उल्‍लंघन को लेकर किसी भी जुर्माने का प्रावधान नहीं है. कर्नाटक एजुकेशन एक्‍ट में जुर्माने की जिन बातों का जिक्र है, वे अधिकतर मैनेजमेंट को लेकर हैं.

सुनवाई के दौरान एडवोकेट जनरल प्रभुलिंग नवादगी ने अदालत में कहा कि हम इन परिस्थितियों में शैक्षण‍िक संस्थान नहीं खोल सकते, जहां छात्रों का एक समूह हेडस्कार्फ चाहता है तो दूसरा भगवा शॉल. राज्य इस हालात से चिंतित है. इससे वे छात्र भी परेशान हैं, जो दोनों में से कुछ भी नहीं चाहते.

दलीलें सुनने के बाद अदालत ने कर्नाटक में स्‍कूल-कॉलेजों को जल्‍द से जल्‍द खोलने पर जोर दिया, जिन्‍हें हिजाब विवाद के बीच फिलहाल बंद किया गया है.

चीफ जस्टिस की अध्‍यक्षता वाली पीठ ने कहा, ‘हमारी चिंता है कि शिक्षण संस्थान जल्द खोले जाएं. सभी का इस बात से सहमत होना जरूरी है कि शिक्षा का नुकसान नहीं हो. हमारी कोशिश होनी चाहिए कि छात्र-छात्राओं की शिक्षा जल्द शुरू हो.



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