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गंगोत्री विधानसभा सीट: आजादी के बाद भी कायम ये मिथक, जानिए इससे जुड़ी रोचक जानकारी

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उत्तराखंड में 14 फ़रवरी को विधानसभा के चुनाव होने हैं. प्रदेश में विधानसभा की कुल 70 सीटें हैं. 2017 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने प्रचंड बहुमत के साथ जीत दर्ज करते हुए सरकार बनाई थी. गंगोत्री सीट से भारतीय जनता पार्टी के गोपाल सिंह विधायक चुने गए हैं.

गंगोत्री मां गंगा का उद्गम स्थल होने के कारण करोड़ों लोगों की आस्था का एक बड़ा केंद्र है. यहां देश-विदेश से श्रद्धालु और पर्यटक आते हैं. गंगोत्री विधानसभा सीट टिहरी गढ़वाल संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आती है. यहां के लोगों की आय का मुख्य जरिया पर्यटकों और श्रद्धालुओं से होने वाली कमाई से है. जो कि 6 महीने तक ही रहती है.

9 नवंबर 2000 को उत्तर प्रदेश से अलग होकर उत्तराखंड नया राज्य बना था. उत्तराखंड के नए राज्य बनने से पहले उत्तरकाशी विधानसभा सीट हुआ करती थी, लेकिन राज्य के गठन के बाद उत्तरकाशी को जिला बनाया गया था. इसके अंतर्गत 3 विधानसभा सीटें आती हैं. इनमें पुरोली, यमुनोत्री और गंगोत्री विधानसभा सीट शामिल है.

गंगोत्री विधानसभा सीट को लेकर लोगों के बीच एक मिथक आज भी कायम है कि जो प्रत्याशी इस सीट से जीतता है सरकार उसी की बनती है. 1958 के विधानसभा चुनाव से लेकर 2017 के विधानसभा चुनाव में भी यही देखा गया है. 2000 में नए राज्य के गठन के बाद भी यह मिथक जस का तस बना रहा.

इस सीट पर हुए विधानसभा चुनावों के परिणाम
2002 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार विजय पाल सिंह यहां से विधायक चुने गए थे. उन्होंने सीपीआई के कमला राम नौटियाल को हराया था.

2007 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार को गोपाल सिंह रावत विधायक चुने गए थे. उन्होंने कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार विजय पाल सिंह को हराया था.

2012 विधानसभा चुनाव के आंकड़े
2012 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार में विजयपाल सिंह विधायक चुने गए थे. उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के विधायक रहे गोपाल सिंह रावत को हराया था. इस चुनाव में कांग्रेस के विजय पाल सिंह को 20,246 वोट मिले थे, जबकि भाजपा के गोपाल सिंह रावत को 13,223 वोट मिले थे. तीसरे नंबर पर निर्दलीय उम्मीदवार सुरेश सिंह थे,जिन्हें 6,436 मिला था.

2012 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर पार्टियों का वोट शेयर
2012 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी का वोट शेयर 40.13 प्रतिशत था, जबकि भारतीय जनता पार्टी का वोट शेयर 26.13 प्रतिशत निर्दलीय उम्मीदवार सुरेश सिंह का वोट शेयर 12.76 प्रतिशत था.

2017 विधानसभा चुनाव के आंकड़े
2017 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी के पूर्व विधायक रहे गोपाल सिंह रावत विधायक चुने गए थे. इस चुनाव में भाजपा के गोपाल सिंह को 25,683 वोट मिला था, जबकि कांग्रेस पार्टी के पूर्व विधायक रहे विजय पाल सिंह को 16,073 वोट मिला था. तीसरे नंबर पर निर्दलीय उम्मीदवार सूरत राम नौटियाल थे ,जिन्हें 9,491 वोट मिला था.

2017 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर पार्टियों का वोट शेयर
2017 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी का वोट शेयर 46.94 प्रतिशत था, जबकि कांग्रेस पार्टी का वोट शेयर 29.37 प्रतिशत और निर्दलीय उम्मीदवार को वोट शेयर 17.34 प्रतिशत था.

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