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इनसाइड स्टोरी: मिस्टर देशमुख जब आप ‘वसूली’ में शामिल नहीं थे तो गृहमंत्री पद से इस्तीफा क्यों दिया ?

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यानी आप गलत थे. आपके ऊपर जो आरोप लगाए गए थे, वह सही थे ? मुकेश अंबानी की मुंबई स्थित इमारत एंटीलिया केस में फंसे असिस्टेंट पुलिस सब इंस्पेक्टर सचिन वाजे से मिलीभगत और मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर ‘परमबीर सिंह के 100 करोड़ वसूली के लगाए गए टारगेट पर आपकी भूमिका थी’ ? आज हम चर्चा करेंगे महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख की.

‘देशमुख पिछले लगभग एक महीने से कहते फिर रहे थे कि परमबीर सिंह के लगाए गए आरोपों में मेरी कोई भूमिका नहीं है, मैं महाराष्ट्र का गृहमंत्री हूं और मेरे कंधों पर पूरे राज्य की बड़ी जिम्मेदारी है, मैं ऐसे जघन्य अपराध में शामिल हो ही नहीं सकता हूं’. एंटीलिया केस और सचिन वाजे के संबंधों के बाद आरोपों से घिरे अनिल देशमुख लगातार पूरे देश की मीडिया के सामने ‘नैतिकता’ की दुहाई देने में लगे हुए थे.

दूसरी ओर मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह लगातार अनिल देशमुख पर हमलावर थे और सुप्रीम कोर्ट से लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट तक अपनी अपनी सच्चाई साबित करने केेे लिए लड़ाई लड़ रहे थे. ‘बता दें कि बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले से पहले अनिल देशमुख गृहमंत्री के पद से इस्तीफा देने के कतई मूड में नहीं थेेेे, देशमुख को डर था कि अगर मैंने इस्तीफा दे दिया तो मैं बेनकाब हो सकता हूं’.

लेकिन सीबीआई जांच से घबराए अनिल देशमुख ने तीन घंटे के अंदर ही इस्तीफा दे दिया. आइए हम आपको बताते हैं आज सुबह का पूरा सिलसिलेवार घटनाक्रम क्या रहा जिस पर देशमुख को अपना पद आखिरकार छोड़ना पड़ा. आपको बता दें कि परमबीर सिंह ने इस मामले में हाईकोर्ट का रुख किया था.

‘बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार सुबह ही निर्देश दिए कि इन आरोपों की जांच सीबीआई करे, हाईकोर्ट ने आगे कहा कि सीबीआई को अगले पंद्रह दिनों में एक शुरुआती रिपोर्ट देनी होगी, इसी के बाद ये तय होगा कि अनिल देशमुख पर एफआईआर दर्ज होगी या नहीं ? हाईकोर्ट ने कहा कि आरोप छोटे नहीं हैं और राज्य के गृहमंत्री पर हैं, इसलिए पुलिस इसकी निष्पक्ष जांच नहीं कर सकती.

मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर ने देशमुख पर आरोप लगाए थे. हाईकोर्ट ने कहा कि इसलिए हम सीबीआई जांच के आदेश दे रहे हैं’. हाईकोर्ट की तल्ख टिप्पणी और आदेश के बाद अनिल देशमुख गृहमंत्री के पद पर नहीं रहना चाहते थे. इसी के बाद अनिल देशमुख ने गृहमंत्री का पद छोड़ दिया. ‘महाराष्ट्र के सीएम को दिए अपने इस्तीफे में अनिल देशमुख ने कहा कि बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश के बाद उनका पद पर बना रहना नैतिक रूप से ठीक नहीं होगा’.

यानी अब अनिल देशमुख को नैतिकता की याद आई है. बता दें कि अब महाराष्ट्र के नए गृहमत्री दिलीप वलसे पाटिल होंगे, लेकिन इस घटनाक्रम के बाद महाराष्ट्र सरकार में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) की पकड़ जरूर कमजोर हुई है. और महाराष्ट्र सरकार अभी भी सवालों के घेरे में है, क्योंकि अभी भी एंटीलिया केस और सचिन वाजे से पूछताछ चल रही है. इस पूरे मामले में जवाब राज्य के मुखिया उद्धव ठाकरे को ही देना है.
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार

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