दिसंबर में कैसी रहेगी आरबीआई की मॉनेटिरी पॉलिसी, जानिए

नई दिल्ली| क्या इस बार आरबीआई ब्याज दरों में बदलाव करेगा या फिर स्थिर रखेगा. रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समीक्षा की बैठक 2 दिसंबर से शुरू होकर 4 दिसंबर तक चलेगी. शुक्रवार को शक्तिकांता दास बैठक के निर्णय का ऐलान करेगें.

आपको बता दें रिजर्व बैंक इस साल ब्याज दरों में 115 बेसिस प्वाइंट यानि 1.15 परसेंट तक की कटौती कर चुका है. इस कटौती के साथ ही रेपो रेट साल 2000 के बाद 4 परसेंट पर है, जो कि सबसे निचला स्तर है.

आरबीआई ने कोरोना के दौरान रेपो रेट में 1.15 फीसदी कटौती की है. मार्च से अब तक रिवर्स रेप रेट में 1.55 फीसदी कटौती हुई है. 22 मई को रिवर्स रेपो 0.40 फीसदी घटाकर 3.35 फीसदी किया गया. 22 मई के बाद दरों में कोई बदलाव नहीं हुआ है. रेपो रेट 4 फीसदी और रिवर्स रेपो रेट 3.35 फीसदी पर बरकरार है.

MPC की है दूसरी बैठक
आपको बता दें नई MPC की ये दूसरी बैठक होगी. बता दें कि Oct में नई MPC बनी थी. नई MPC की पहली बैठक में दरों में बदलाव नहीं किया गया है.

सितंबर तिमाही में जीडीपी रही निगेटिव
सितंबर महीने में समाप्त चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में भी सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर नकारात्मक रही है, जिसकी वजह से केंद्रीय बैंक अपने मौद्रिक रुख को नरम रख सकता है. इससे आगे जरूरत होने पर ब्याज दरों में कटौती की जा सकती है. बैठक के नतीजों की घोषणा चार दिसंबर को की जाएगी.

जानें क्या हो सकता है इस बारी की बैठक में
रिजर्व बैंक का अनुमान है कि कोविड-19 महामारी की वजह से चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था में 9.5 फीसदी की गिरावट आएगी. इसके अलावा एक्सपर्ट का मानना है कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति ऊंची होने की वजह से रिजर्व बैंक नीतिगत दरों में कटौती नहीं करेगा.

उपभोक्‍ता मूल्‍य सूचकांक आधारित महंगाई भी है काफी ज्‍यादा
केयर रेटिंग्स के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा कि महंगाई अब भी काफी ऊपर है. ऐसे में रिजर्व बैंक के पास नीतिगत दरों को यथावत रखने के अलावा कोई विकल्प नहीं है. ब्रिकवर्क रेटिंग्स के मुख्य आर्थिक सलाहकार एम. गोविंदा राव ने कहा कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित मुद्रास्फीति अब काफी अधिक है. ऐसे में एमपीसी की ओर से दरों में बदलाव की उम्‍मीद नही है. मनीबॉक्स फाइनेंस के सह-मुख्य कार्यपालक अधिकारी दीपक अग्रवाल ने कहा कि खाद्य और मुख्य मुद्रास्फीति ऊपर बनी हुई है. ऐसे में रिजर्व बैंक नीतिगत दरों में बदलाव नहीं होगा.

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