आखिर मेहुल चोकसी को भारत भेजने के लिए एंटीगा के पीएम क्यों है इतने आतुर! जानिए

पीएनबी घोटाले मामले में पिछले दो साल से फरार चल रहे मेहुल चोकसी सीधे डोमिनिका से भारत आएगा या नहीं इसको लेकर 2 जून को फैसला आ सकता है. मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण को लेकर इसी दिन हाईकोर्ट में सुनवाई होगी. इस बीच एंटीगा के प्रधानमंत्री गैस्टन ब्रॉने बार-बार ये दोहरा रहे हैं कि डोमिनिका को तुरंत चोकसी को भारत के हवाले कर देना चाहिए.

गैस्टन ब्रॉने ने कहा है कि उनकी सरकार मेहुल चोकसी की नागरिकता को खत्म करने को तैयार है. भारत ने अगस्त 2018 में औपचारिक तौर पर चोकसी के प्रत्यर्पण का मुद्दा उठाया था. साल 2019 में ब्रॉने ने कहा था कि जैसे ही मेहुल चोकसी के कानूनी विकल्प खत्म हो जाएंगे उन्हें भारत को सौंप दिया जाएगा. सवाल उठता है कि आखिर मेहुल चोकसी को भारत भेजने के लिए एंटीगा के प्रधानमंत्री इतने क्यों आतुर है?

एंटीगा के प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया है कि मेहुल चोकसी उनके देश के विपक्षी पार्टी यूनाइटेड प्रोग्रेसिव पार्टी को फंड देते हैं. उन्होंने कहा कि यही वजह है कि चोकसी के समर्थन में पार्टी के नेताओं ने संयुक्त बयान जारी किया है. ब्रॉने ने ये भी कहा कि चोकसी की नागरिकता रद्द करने के निर्णय के बावजूद, उनकी कानूनी और संवैधानिक सुरक्षा का कोई उल्लंघन नहीं हुआ है. उन्होंने आगे कहा, ‘हम एक वैश्वीकृत दुनिया में रहते हैं जहां अपराधियों से लड़ने और उन्हें हराने के लिए राज्यों के बीच सहयोग की आवश्यकता होती है.’

मेहुल चोकसी मामले को लेकर एंटीगा की राजनीति गरमा गई है. एंटीगा के प्रधानमंत्री गैस्टन ब्रॉने ने दावा किया है कि मेहुल चोकसी अब भी भारत के नागरिक हैं. लिहाजा डोमिनिका को सीधे उन्हें भारत के हवाले कर देना चाहिए. विपक्ष ने उनके इस बयान को गैर जिम्मेदाराना बताया था.यूनाइटेड प्रोग्रेसिव पार्टी ने प्रधानमंत्री गैस्टन ब्राउन के हालिया बयान पर गंभीर चिंता व्यक्त की. पीएम ने कहा था कि डोमिनिका को चोकसी को सीधे भारत भेज देना चाहिए और उसे एंटीगा व बारबुडा नहीं लौटाना चाहिए.

इस बीच समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि भारत ने बैक-चैनल के जरिए डोमिनिका से साफ-साफ से कहा है कि मेहुल चोकसी को एक भगोड़े भारतीय नागरिक के रूप में माना जाना चाहिए, जिसके खिलाफ इंटरपोल रेड कॉर्नर नोटिस है. भारत ने उसे भारतीय अधिकारियों को सौंपने की बात कही है. चोकसी के द्वारा अभी तक अपनी भारतीय नागरिकता से इनकार करने का कोई मामला नहीं सामने आया है.

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