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सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर की उपलब्धियां, एक साथ पढ़ें सब कुछ

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सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर

स्वर साम्राज्ञी लता मंगेशकर का आज 92 साल की आयु में दुखद निधन हो गया. भारत की स्वर कोकिला पूरे विश्व में सुरों की साम्राज्ञी थी. हमेशा से यह कहा जा रहा है कि उनकी जैसी आवाज दुनिया भर में न किसी की थी न किसी की होगी. सुरों के मामले में वे महानतम में महानतम थीं. बहुत छोटी सी उम्र में से ही लता दीदी को स्वर कोकिला कहा जाने लगा था. उनका सफर बहुत दिलचस्प रहा है. उनका जन्म 28 सितंबर 1929 को तत्कालीन इंदौर स्टेट में हुआ था. उनके पिता दीनानाथ मंगेशकर मराठी और कोंकणी संगीतकार थे. इसलिए लता दी का जन्म ही संगीत के साथ हुआ था.

दीनानाथ मंगेशकर की दूसरी पत्नी की संतान
लता मंगेशकर दीनानाथ मंगेशकर की दूसरी पत्नी शेवंती की संतान थीं. दीनानाथ मंगेशकर की पहली पत्नी का नाम नर्मदा था लेकिन उनकी मृत्यु के कारण दीनानाथ मंगेशकर ने उनकी छोटी बहन शेवंती से शादी कर ली थी. दीनानाथ ने अपने सरनेम में मंगेशकर खुद जोड़ा था. वे अपने पैतृक गांव गोवा में मंगेशी को अपना सरनेम बना लिया. लता दीनानाथ की सबसे बड़ी संतान थी. लता दीदी का जन्म का नाम हेमा था लेकिन बाद में उनके पिता ने अपने एक नाटक की महिला पात्र लतिका पर उनका नाम लता रख दिया.

ऐसे रही जीवनगाथा
1927 पांच साल की उम्र में पिता दीनानाथ मंगेशकर से संगीत की शिक्षा शुरू.
1942 दीनानाथ मंगेशकर का निधन, नवयुक चित्रपट के मालिक बने लता का गार्जियन, उन्होंने लता का सिंगर और एक्ट्रेस बनाने का फैसला लिया.
1942 मराठी फिल्म के लिए पहला गाना गाई लेकिन अंत समय में इसे रिजेक्ट कर दिया गया. इसी साल विनायक ने मराठी फिल्म पहली मंगला गौर में अभिनेत्री की भूमिका दी और इसी फिल्म के लिए गाना गंवाया.
1943 पहली बार मराठी फिल्म के लिए हिन्दी में गाना गाया- ‘माता एक सपूत की, दुनिया बदल दे तू’
1945 लता मंगेशकर मुंबई आ गईं. इसके बाद भिंडीबाजार घराना के उस्तात अमन अली खान से हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत की शिक्षा शुरू की.
1946 बसंत जोगलेकर की हिन्दी फिल्म ‘आप की सेवा में’ के लिए ‘पा लागू कर जोरी’ गाना गाईं.
1950 लता मंगेशकर देश की सबसे लोकप्रिय सिंगर बन गईं.
1953 झांझर फिल्म की म्यूजिक डायरेक्टर बनी.
1962 ओ मेरे वतन के लोगो गाने पर तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की आंखों में आंसू ला दिया था.

अवार्ड
1969 पद्म भूषण
1989 दादा साहेब फाल्के पुरस्कार
1997 महाराष्ट्र भूषण अवार्ड
1999 एनटीआर नेशनल अवार्ड
1999 पद्म विभूषण
1999 जी सिने लाइफ टाइम अचीवमेंट
2001 भारत रत्न
2007 लीजिएन ऑफ ऑनर
पांच फिल्म फेयर पुरस्कार

पांच फिल्मों की म्यूजिक डायरेक्टर
1960 राम राम पवहाना
1963 मराठा टिटुका मेलवावा
1963 मोतियांची मंजुला
1965 सधी मनसे
1963 तंबडी माती

चार फिल्मों की प्रोड्यूसर
1953 वदाई (मराठी)
1953 झांझर (हिन्दी)
1955 कंचन गंगा (हिन्दी)
1990 लेकिन (हिन्दी)

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