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देहरादून: मत्स्य पालन कर आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम, प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना की दी गई जानकारी

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प्रधानमंत्री मत्स्यसम्पदा योजना एक दिवसीय जागरूकता एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम द्वारा आज 29 नवम्बर को IRDT,ऑडिटोरियम, देहरादून में किया गया.

इस शिविर में उत्तराखंड राज्य दूरस्थ स्थित जनपदों से करीब 200 से अधिक मत्स्य पालकों ने प्रतिभागिता की. कार्यक्रम का सुभारम्भ दीप प्रज्वलित कर किया गया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि रेखा आर्या, मंत्री, मत्स्य, पशुपालन, डेयरी एवं महिला बाल विकास द्वारा प्रतिभाग किया गया.

उनके द्वारा विगत 5 वर्षों में मात्स्यिकी क्षेत्रों में किये गए विकास कामों एवं सरकार द्वारा उपलब्ध कराये गए बजट के बारे में प्रकाश डाला गया. मत्स्य पालकों की आय दोगुनी करने एवं इन्शुरन्स का लाभ मत्स्य पालकों तक पहुँचाने हेतु राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम, Integrated fish farming, मत्स्य पालन, किसान क्रेडिट कार्ड की उपयोगिता बताई गई.

मत्स्य पालकों को बिजली की दरें कृषि की दर से दिलाये जाने हेतु सरकार के स्तर से प्रतिबद्धता व्यक्त की गयी. मंत्री द्वारा मत्स्य क्षेत्र में माननीय प्रधानमंत्री द्वारा किये जा रहे प्रयासों हेतु धन्यवाद किया गया.

दीपा श्रीवास्तव, क्षेत्रीय निदेशक, राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (NCDC) द्वारा प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (PMMSY) योजना सम्बंधित तथा निगम की कार्यप्रणाली के सम्बन्ध में विस्तार से मत्स्यपालकों को जानकारी दी गयी.

राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना हेतु सहकारिता क्षेत्र के लिए कार्यावयन एजेंसी हैं,अतः क्षेत्रीय निदेशक द्वारा उपस्थित समस्त मत्स्यपालकों को उचित प्रस्ताव बनाकर राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम के माध्यम से सरकार से अनुदान व ऋण प्राप्त कर अधिक लाभ उठाने हेतु आह्वान किया गया.

डॉ. देबजीतसरमा, प्रधान वैज्ञानिक, DCFR, भीमताल द्वारा प्रदेश में कार्य एवं ट्राउटमत्स्य पालन पर विस्तृत तकनीकी जानकारी दी गयी. अलोक कुमार पांडेय, निबंधक, सहकारी समितियाँ उत्तराखंड द्वारा समन्वित मत्स्य पालकों को कृषकों की आय दोगुना करने का सशक्त माध्यम बताया.

नेपाल सिंह कश्यप, अध्यक्ष , जिला सहकारी मत्स्य विकास एवं विपणन फेडरेशन लिमिटिड, हरिद्वार द्वारा अवगत कराया गया की किस प्रकार किसान NCDC के माध्यम से मत्स्य पालक साहूकारों के जाल से बच सकता हैं.

एच. के. पुरोहित, संयुक्त निदेशक, मत्स्य द्वारा सहकारी योजनाओं के माध्यम से मत्स्य उत्पादन बढ़ाने पर जोर दिया गया. डॉ. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव (सहकारिता, मत्स्य) द्वारा अवगत कराया गया की NCDC मत्स्यपालकों की आय दोगुनी करने में अग्रणी भूमिका निभा रहा हैं. इनके द्वारा उत्पादों के उचित मूल्य हेतु मत्स्य पालकों को बाजार से जोड़ने हेतु प्रयास किये गए हैं.उत्तराफिश एक नवीन पहल है जिसमेमत्स्य उत्पाद को उचित मूल्य उपलब्ध कराया जा रहा हैं.

राष्टीय सहकारी विकास निगम द्वारा प्रायोजित उत्तराखंड कोआपरेटिवडेवलपमेंटप्रोजेक्ट (UKCDP ) के अंतर्गत ‘UTTARAFISH’ सम्बंधित एक लघु फिल्म भी दिखाई गयी.

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