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नई रिसर्च के अनुसार, कोरोना वायरस दोबारा बना सकता है शिकार-शरीर में बस 50 दिनों तक रहती है एंटीबॉडी

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सांकेतिक फोटो

कोरोना वायरस से दुनिया भर में कोहराम मचा है. अब तक इस वायरस से करीब ढाई करोड़ लोग संक्रमित हो चुके हैं. कई देशों में ऐसे भी केस सामने आए हैं, जहां लोग दोबारा कोरोना से संक्रमित हो रहे हैं. लिहाजा सवाल उठता है कि आखिर एक बार कोविड-19 संक्रमण होने के बाद लोगों के शरीर में कितनों दिनों तक एंटीबॉडी बनी रहती है.

यानी कब तक वो दोबोरा इस वायरस के आक्रमण से बचे रह सकते हैं. इसको लेकर दनिया भर के वैज्ञानिक और डॉक्टर रिसर्च कर रहे हैं. अब एक नए रिसर्च से पता चला है कि सिर्फ 50 दिनों के बाद एंटीबॉडी शरीर से खत्म हो जाती है. हालांकि पहले ऐसे भी दावे किए जाते रहे हैं कि 3 महीनों तक शरीर में एंटीबॉडी बनी रहती है.

एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक ये रिसर्च मुंबई के जेजे हॉस्पिटल में किया गया. इसमें उन 801 स्टाफ को शामिल किया गया, जो कोरोना से संक्रमित होकर ठीक हो गए थे. इन सबको 7 हफ्ते पहले अप्रैल और मई के शुरुआत में कोरोना हुआ था.

रिसर्च करने वाले डॉक्टर निशांत कुमार के मुताबिक 28 लोगों के RT-PCR टेस्ट किए गए और किसी में भी एंटीबटडी नहीं दिखी. सेरो सर्वे के तहत ये टेस्ट किए गए थे. आमतौर पर ये सर्वे ये पता लगाने के लिए किया जाता है कि किसी खास इलाके में अब तक कितने लोगों को कोरोना हुआ है और वो अपने आप ठीक हो गए.

रिसर्च के तहत मुंबई के जेजे हॉस्पिटल में 34 ऐसे लोगों के भी टेस्ट किए गए, जिन्हें 3-5 हफ्ते पहले कोरोना हुआ था. इनमें से 90 परसेंट लोगों में पाया गया कि पांचवें हफ्ते में इनमें सिर्फ 38.8 फीसदी एंटीबॉडी बची थी.

स्टडी की ये बातें इंटरनेशनल जनरल ऑफ कम्युनिटी मेडिसिन के सितंबर के अंक में छापे जाएंगे. बता दें कि कोरोना को लेकर दुनिया भर में इन दिनों रिसर्च किए जा रहे हैं.

इससे पहले न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में एंटीबॉडीज़ की स्टडी की गई. लक्षण दिखने के करीब 37 दिन बाद पहले नमूने लिये गए और दूसरे नमूने तीन महीने पूरे होने से पहले यानी 86 दिनों के भीतर लिये गए.

शोधकर्ताओं ने इन नमूनों के परीक्षण में देखा कि एंटीबॉडी स्तर तेज़ी से कम हुआ. एंटीबॉडीज़ का ये नुकसान कोरोना वायरस के पिछले वर्जन SARS की तुलना में ज़्यादा तेज़ी से हुआ.

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