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देहरादून: ओमिक्रॉन की दस्तक के बीच सरकार ने जारी की नई एसओपी

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सांकेतिक फोटो

राजधानी दून में ओमिक्रॉन की दस्तक के साथ जिला प्रशासन ने सख्ती बरतनी शुरू कर दी है. जिले में अब किसी भी आयोजन में अधिकतम 100 लोग ही जमा हो सकेंगे. इसमें नए साल का जश्न भी शामिल है. खास बात यह है कि होटल में केवल उन्हीं लोगों को प्रवेश मिलेगा, जिन्होंने पहले से बुकिंग करवा रखी है. जिलाधिकारी डॉ. आर राजेश कुमार ने शुक्रवार को इसके आदेश जारी किए. 

जिलाधिकारी डॉ. राजेश ने बताया कि डब्ल्यूएचओ ने कोविड-19 के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन को वैरिएंट ऑफ कंसर्न (वीओसी) घोषित किया है. यह बेहद तेजी से फैलने की क्षमता रखता है. भारत सरकार के सचिव स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने ऑमिक्रॉन की प्रभावी रोकथाम के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए हैं. उन्होंने बताया कि ओमिक्रॉन की रोकथाम को देखते हुए क्रिसमस और नव वर्ष के मौके के लिए एसओपी जारी की गई है. 

इसके अनुसार नव वर्ष का कार्यक्रम सादे रूप से ही मनाया जाएगा. जिसमें अधिकतम 100 लोग ही शामिल हो सकेंगे. होटल स्वामियों को कमरों और परिसर को नियमित रूप से सैनिटाइज करना होगा. दिशा-निर्देशों के उल्लंघन पर संबंधित होटल स्वामी की व्यक्तिगत जिम्मेदारी निर्धारित की जाएगी. 

उन्होंने बताया कि अन्य राज्य से आ रहे पर्यटकों को आने से 72 घंटे पहले की निगेटिव आरटीपीसीआर रिपोर्ट या डबल डोज वैक्सीनेशन का प्रमाण पत्र लाना अनिवार्य होगा. संक्रमण रोकथाम के लिए सभी आयोजित कार्यक्रम अधिकतम रात 10 बजे तक ही किए जा सकेंगे. 

माइक्रो कंटेनमेंट जोन में किसी भी तरह के आयोजन संबंधी गतिविधियां पूरी तरह वर्जित होंगी. जिला देहरादून के निवासियों व पर्यटकों द्वारा सार्वजनिक स्थलों व कार्य स्थलों पर अनिवार्य रूप से मास्क पहनना होगा. उन्हें सामाजिक दूरी का भी कड़ाई से अनुपालन करना होगा. ऐसा न करने पर आपदा प्रबंधन के तहत कार्रवाई की जाएगी.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार देर शाम सचिवालय में कैबिनेट बैठक के बाद कोविड 19 ओमिक्रॉन वैरिएंट के बचाव से संबंधित व्यवस्थाओं की समीक्षा की. मुख्यमंत्री ने सभी प्रभारी मंत्रियों से जिलों का भ्रमण कर इस संबंध में स्थिति का जायजा लेने को कहा है.

मुख्यमंत्री ने इस संबंध में जनपदों से समीक्षा के बाद 31 दिसंबर को उच्च स्तरीय बैठक बुलाए जाने के भी निर्देश दिए हैं. साथ ही अधिकारियों को इस संबंध में निरंतर स्थिति की समीक्षा करने के निर्देश दिए हैं. इस संबंध में सचिव स्वास्थ्य डॉ.पंकज कुमार पांडेय ने बताया कि राज्य में कोविड 19 के उपचार के लिए कुल 27186 आइसोलेशन बेड उपलब्ध हैं.

राज्य में कुल 13674 ऑक्सीजन सपोर्ट बेड उपलब्ध हैं, जिनमें आवश्यकता पड़ने पर कोविड 19 के उपचार के लिए 6572 ऑक्सीजन सपोर्ट बेड आरक्षित किए गए हैं. राज्य में कुल 2113 आईसीयू बेड उपलब्ध हैं, जिनमें से आवश्यकता पड़ने पर कोविड 19 के उपचार के लिए 1655 आईसीयू बेड आरक्षित किए गए हैं. इसके अलावा राज्य में कुल 1451 वेंटिलेटर उपलब्ध हैं, जिनमें से आवश्यकता पड़ने पर कोविड 19 के उपचार के लिए 1016 वेंटिलेटर आरक्षित किए गए हैं.

राज्य में कुल 532 एंबुलेंस, 22420 ऑक्सीजन सिलिंडर, 9828 ऑक्सीजन कॉन्सेनट्रेटर, 71 ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट कार्यशील है. इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री बिशन सिंह चुफाल, सुबोध उनियाल, डॉ.धन सिंह रावत, स्वामी यतीश्वरानंद, मुख्य सचिव डॉ.एसएस संधु, अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, सचिव अमित नेगी, शैलेश बगोली, पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार आदि उपस्थित थे.


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