Home क्राइम एंटीलिया मामला: एनआईए का बड़ा ऐक्शन, क्राइम ब्रांच के पूर्व अधिकारी सचिन...

एंटीलिया मामला: एनआईए का बड़ा ऐक्शन, क्राइम ब्रांच के पूर्व अधिकारी सचिन वाझे अरेस्ट

0
सचिन वाझे

मुंबई| देश के जाने-माने उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के बाहर पार्क कार में विस्फोटक मिलने के मामले की जांच के संबंध में राष्ट्रीय जांच एजेंसी(NIA) ने महाराष्ट्र पुलिस के अधिकारी सचिन वाझे कोअरेस्ट कर लिया है.

इस कार के मालिक मनसुख हिरेन की बाद में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी जिसके बाद हिरेन की पत्नी ने वाझे पर उनके पति की संदिग्ध मौत में संलिप्त होने का आरोप लगाया है. वाझे को बुधवार को मुंबई अपराध शाखा से हटा दिया गया था. इसके बाद से उनकी गिरफ्तारी की मांग की जा रही थी.

खबर के मुताबिक एनआईए ने शनिवार को सचिन वाझे से 12 घंटे की लंबी पूछताछ की जिसके बाद यह गिरफ्तारी हुई. वझे को कार मिलने के केस की जांच के संबंध में गिरफ्तार किया गया है.

एनआईए के मुताबिक, सचिन को भारतीय दंड संहित (IPC) की धारा 86, 465, 473, 506(2), 120 बी और 4(a)(b)(I) विस्फोटक पदार्थ ऐक्ट 1908 के तहत अंबानी के घर के बाहर विस्फोटक भरी कार रखने में भूमिका निभाने और संलिप्तता के चलते अरेस्ट किया गया है.

आपको बता दें कि उद्योगपति मुकेश अंबानी के दक्षिण मुंबई स्थित आवास के पास 25 फरवरी को विस्फोटक और धमकी भरे पत्र के साथ स्कॉर्पियो एसयूवी कार मिली थी. हिरेन ने दावा किया था कि कार उनकी है लेकिन घटना से एक हफ्ते पहले वह चोरी हो गई थी.

इस मामले में उस समय शक और गहरा गया जब पांच मार्च को ठाणे में एक नदी किनारे हिरेन की लाश मिली. हिरेन की पत्नी ने दावा किया कि उनके पति ने एसयूवी पिछले साल नवंबर में वाझे को दी थी और उन्होंने फरवरी के पहले हफ्ते में यह कार लौटाई थी. हालांकि, वाझे ने इससे इनकार किया है.’

इससे पहले सचिन वाझे ने अपने व्हाट्स ऐप स्टेट्स में लिखा था, ‘दुनिया को अलविदा कहने का समय नजदीक आ रहा है. तीन मार्च, 2004 को सीआईडी के साथी अधिकारियों ने एक झूठे मामले में मुझे गिरफ्तार किया था. वह गिरफ्तारी अबतक बेनतीजा है. मुझे लग रहा है कि इतिहास दोहराया जा रहा है.

मेरे साथी अधिकारी मुझे गलत ढंग से फंसाने की कोशिश में हैं. परिदृश्य में बस थोड़ा सा फर्क है. तब शायद मेरे पास 17 सालों के लिए उम्मीद, धैर्य, जीवन और सेवा भी. अब मेरे पास न तो 17 साल की और जिंदगी न ही सेवा और न ही जिंदा रहने का धैर्य है. मैं सोचता हूं कि दुनिया को अलविदा कहने का समय नजदीक आ रहा है.’

NO COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Exit mobile version