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टीकों की किल्लत पर सीरम का बड़ा बयान -टीकों का स्टॉक देखे बिना सरकार ने बढ़ाया वैक्सीनेशन का दायरा

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सांकेतिक फोटो

देश में जारी कोरोना संकट के बीच कोविड वैक्सीनेशन ही बचााव की बड़ी उम्मीद के रूप में सामने आया है और लोगों का फोकस अपना और अपने परिजनों का वैक्सीनेशन कराना है लेकिन तमाम जगहों पर इस काम में भारी दिक्कतें पेश आ रही हैं.

बताया जा रहा है कि लोगों को वैक्सीन लगवाने के लिए पहले रजिस्ट्रेशन कराना है हालांकि वो तो हो जा रहा है असल दिक्कत वैक्सीनेशन वाले स्लॉट को लेकर आ रही है यानी कि लोगों को टीका लगवाने के लिए डेट नहीं मिल रही है.

कोविन पोर्टल पर अक्सर ये सामने आ रहा है कि आपको वैक्सीन लगवाना है तो सारे स्लॉट की बुकिंग फुल दिखा रहा है और ये दिक्कत खास तौर पर 18 से 44 साल वाले ग्रुप के सामने ज्यादा आ रही है.

इस बीच सीरम इंस्टिट्यूट (SII) के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर सुरेश जाधव (Suresh Jadhav) ने कहा कि केंद्र सरकार ने वैक्सीन के स्टॉक के बारे में जाने बगैर और विश्व स्वास्थ्य संगठन की गाइडलाइन (WHO Vaccination Guidelines) पर विचार किए बिना कई आयु वर्गों के टीकाकरण की इजाजत दे दी..

वहीं सुरेश जाधव ने आगे कहा कि हमने सबसे बड़ा सबक सीखा है कि उत्पाद की उपलब्धता को ध्यान में रखना चाहिए और फिर उसका विवेकपूर्ण उपयोग करना चाहिए.’ उन्होंने कहा कि देश को डब्ल्यूएचओ की गाइडलाइंस का पालन करना चाहिए और वैक्सीन की प्राथमिकता उस हिसाब से होनी चाहिए.

उन्होंने कहा, पहले लक्ष्य के मुताबिक 30 करोड़ लोगों को टीका दिया जाना था, जिसके लिए 60 करोड़ डोज की आवश्यकता थी, लेकिन हमारे इस लक्ष्य तक पहुंचने से पहले ही सरकार ने पहले 45 साल से ऊपर के और फिर 18 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों के लिए वैक्सीनेशन के दरवाजे खोल दिए.

गौर है कि कोरोना वैक्सीन की किल्लत की वजह से देश में 18 से 44 साल के लोगों को वैक्सीन नहीं मिल पा रही है. कई राज्यों ने वैक्सीन की कमी की शिकायत की है और कहा है कि वो अपनी जनता को टीका लगवाना चाहते हैं लेकिन वैक्सीन ही उपलब्ध नहीं है.

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