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विशेष खबर: ‘राजनीति’ के बल पर मोदी ने सत्ता पर लगातार दो दशक तक बना रखी है पकड़

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किसी भी क्षेत्र में लंबे समय तक डटे रहना मनुष्य की काबिलियत के साथ एक सुखद अहसास भी कराता है कि लोगों की उम्मीदों पर आप खरा उतरे हैं.

कोई भी फील्ड क्यों न हो लंबे समय तक टिके रहना आसान नहीं होता है. ‘आज हम ऐसे एक शख्स की बात करने जा रहे हैं जो लगातार बुलंदियों पर चढ़ता चला गया और अपने आप को एक मजबूत नेता के तौर पर स्थापित किया’. आज चर्चा होगी राजनीति के क्षेत्र की.

‘मौजूदा समय की सियासत और सत्ता की बात की जाए तो एक नाम ऐसा है जिसने अपने आप को राजनीति का सिकंदर बनने में कम मेहनत नहीं की’, वह नाम है ‘नरेंद्र दामोदरदास मोदी’.

आज 7 अक्टूबर है यह तारीख मोदी के लिए सत्ता पर काबिज होने के लिए याद की जाती है. आज से 19 साल पहले नरेंद्र मोदी ने गुजरात की कमान संभाली थी.

ये वो दिन था जब नरेंद्र मोदी ने पहली बार गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी. आज मोदी ने 20वें साल में सत्ता पर लगातार बने रहने की पारी शुरू कर दी है.

यहां हम आपको बता दें कि नरेंद्र मोदी देश में लगातार सत्ता पर काबिज रहने वाले नेताओं में आठवें नंबर पर है.

सिक्किम के मुख्यमंत्री पवन कुमार चामलिंग 24 साल, पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ज्योति बसु 23 साल, गेगोंग अपांग 22 साल, ललथनहावला 21 साल, वीरभद्र सिंह 21 साल, नवीन पटनायक और मानिक सरकार लगभग 20 साल मुख्यमंत्री रहे.

राजनीति में यूं तो ऐसे कई नेता हैं जो लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहे या फिर प्रधानमंत्री रहे लेकिन राज्य और केंद्र दोनों स्तर पर अपने बल पर पार्टी को जीत दिलाने और सोच से विकास की रेखा खींचने वाले नेताओं में वे पहले नंबर पर आ गए हैं.

दो दशक पहले मोदी ने सोचा भी नहीं होगा कि वह सियासत और सत्ता में इतनी लंबी पारी खेलने जा रहे हैं.‌ आइए पहले गुजरात की सत्ता की बात की जाए.

गुजरात के मुख्यमंत्री बनने के दौरान परिस्थितियां मोदी के अनुकूल नहीं थी
कहां जाता है जब मोदी ने मुख्यमंत्री पद की कमान संभाली थी तब गुजरात के लिए बेहद कठिन समय था. भूकंप ने पूरे गुजरात में भयंकर तबाही मचाई थी, लेकिन नरेंद्र मोदी ने गुजरात में विकास का ऐसा दौर शुरू किया कि देशभर के लोगों की आंखों में एक बेहतर देश बनाने का सपना बस गया. मोदी गुजरात के चार बार सीएम रहे.

पहली बार उन्होंने केशुभाई पटेल की जगह 7 अक्टूबर 2001 को मुख्यमंत्री पद संभाला था. इसके बाद 22 दिसंबर 2002 तक राज्य के सीएम रहे. इसके बाद 22 मई 2014 तक वे लगातार 12 साल 227 दिन राज्य के मुख्यमंत्री रहे.

गुजरात में यह किसी एक मुख्यमंत्री का सबसे लंबा कार्यकाल है. उनसे पहले यह रिकॉर्ड कांग्रेस के माधव सिंह सोलंकी के नाम था, वे करीब 6 साल तक राज्य के सीएम रहे थे.

मोदी ने कभी भी सरकार के प्रमुख के रूप में चुनाव नहीं हारा और प्रधानमंत्री के रूप में राष्ट्रीय स्‍तर पर अहम भूमिका निभाई. गुजरात में मोदी के कार्यों और उपलब्धियों को देखकर उनके नेतृत्व की मांग देशभर में उठने लगी थी.

गुजरात से ही मुख्यमंत्री मोदी ने केंद्र की सत्ता में पकड़ बना ली थी

नरेंद्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए ही केंद्र की राजनीति पर भी अपनी पकड़ बना ली थी. साल 2013 में बीजेपी ने नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया. 2014 लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने प्रचंड जीत हासिल की. पहली बार मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी को पूर्ण बहुमत मिला.

इसके बाद 2019 लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी को लगातार दूसरी बार पूर्ण बहुमत हासिल हुआ.

सत्ता में आने का बाद मोदी ने गरीबों और जरूरतमंदों के लिए जनधन योजना, मुद्रा योजना, जन सुरक्षा योजना, उज्ज्वला योजना, उजाला योजना, पीएम आवास योजना, सौभाग्य योजना, आयुष्मान भारत, पीएम-किसान योजनाओं का शुभारंभ किया. यही नहीं दुनिया में भारत की छवि को बेहतर बनाने की दिशा में काम किया.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने कार्यकाल में कई बड़े फैसले लिए हैं. अनुच्छेद 370 को जम्मू-कश्मीर से निष्प्रभावी कर दिया, तीन तलाक की कुप्रथा से मुस्लिम महिलाओं को मुक्ति दिलाई.

इसके अलावा कई सालों चले आ रहे राम मंदिर विवाद का कानूनी तौर पर समाधान हुआ. पीएम मोदी ने इस साल 5 अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर का भूमि पूजन कर भाजपा का सबसे बड़ा सपना भी पूरा कर दिया.

शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार

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