22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) और सुरक्षा बलों ने हमलावरों की तलाश तेज कर दी है। सूत्रों के अनुसार, चार आतंकवादी बैसरन घाटी में हमले को अंजाम देने के बाद दक्षिण कश्मीर के घने जंगलों में छिपे हो सकते हैं। उनके पास खाने-पीने का सामान और अन्य आवश्यक वस्तुएं मौजूद हैं, जिससे वे बिना बाहरी सहायता के लंबे समय तक छिपे रह सकते हैं।
हमले के दौरान, आतंकवादियों ने बैसरन घाटी के प्रवेश और निकासी मार्गों को अवरुद्ध कर दिया था, जिससे पर्यटक फंस गए थे। तीन आतंकवादियों ने पर्यटकों पर गोलीबारी की, जबकि चौथा बैकअप के लिए छिपा हुआ था। हमले में 26 लोगों की मौत हुई थी, जिनमें एक नेपाली नागरिक भी शामिल था।
जांच में यह भी सामने आया है कि आतंकवादियों ने अल्ट्रास्टेट कम्युनिकेशन सिस्टम का उपयोग किया था, जिससे वे बिना सिम कार्ड के संचार कर सकते थे। इससे सुरक्षा बलों के लिए उनकी पहचान और स्थान का पता लगाना मुश्किल हो गया है।
सुरक्षा बलों ने ओवर ग्राउंड वर्कर्स (OGWs) के नेटवर्क की भी जांच शुरू कर दी है, जो आतंकवादियों को मदद कर सकते हैं। अब तक 100 से अधिक संदिग्धों से पूछताछ की गई है, और कई स्थानों पर छापेमारी की गई है।
एनआईए और अन्य सुरक्षा एजेंसियां संयुक्त रूप से हमलावरों की तलाश में जुटी हैं और जल्द ही उन्हें पकड़ने की उम्मीद है।