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वोलोदिमीर जेलेंस्की और पुतिन की जल्द हो सकती है मुलाकात, शांति वार्ता से निकली राह!

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रूस-यूक्रेन युद्ध को आज 34 दिन हो गए हैं. इतने दिनों बाद एक अच्छी खबर आई है. अगर सब कुछ सही रहा तो यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की जल्दी मुलाकात हो सकती है.

दरअसल, आज तुर्की में दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडल के बीच सार्थक बातचीत हुई है जिसके बाद रूसी उप रक्षा मंत्री ने ऐलान किया है कि उनका देश अब यूक्रेन की राजधानी कीव में हमले को सीमित करेगा. दूसरी ओर यूक्रेन के वार्ताकार ने दावा किया है कि आज की बैठक जेलेंस्की और पुतिन के आमने-सामने मिलने के लिए पर्याप्त है.

दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडल के बीच तीन सप्ताह बाद तुर्की में आमने-सामने बात हुई है. इससे पहले की सभी बातचीत बेनतीजा रही थी. रायटर की रिपोर्ट के मुताबिक तुर्की में दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडल के बीच शांति वार्ता बिना किसी उत्साह के शुरू हुई. दोनों दल एक-दूसरे से उखड़े हुए लग रहे थे. किसी ने भी एक दूसरे दल के प्रतिनिधिमंडल से हाथ तक नहीं मिलाया. लेकिन वार्ता से सार्थक समाधान की उम्मीद जगी है.

रूस के उप रक्षा मंत्री एलेक्जेंडर फोमिन ने कहा है कि अब यूक्रेन की राजधानी कीव के आसपास रूस के आक्रामक हमले को सीमित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि दोनों देशों के बीच विश्वास बहाली को प्रोत्साहन मिले और युद्ध को खत्म करने की दिशा में सार्थक वार्ता हो. उप रक्षा मंत्री एलेक्जेंडर फोमिन ने कहा, रूसी सेना कीव और चेरनीहिव की दिशा में अपनी सैन्य गतिविधियों को सीमित करेगा.

यूक्रेन के प्रमुख वार्ताकार ने कहा है कि तुर्की में आयोजित आज की बैठक में पर्याप्त प्रगति हुई है. दोनों देशों ने विवाद को सुलझाने में रूचि दिखाई है. इसलिए इस बैठक के बाद रूस और यूक्रेन के राष्ट्रपति की आमने-सामने की बैठक भी संभव है. यूक्रेन के वार्ताकार डेविड अराखामिया ने कहा, आज की बैठक के परिणाम दोनों देशों के नेताओं को मिलने के लिए पर्याप्त है. उन्होंने कहा कि इस बैठक के बाद जल्द ही वलोदिमीर जेलेंस्की और व्लादिमीर पुतिन के बीच बातचीत हो सकती है.

अब सवाल है कि दोनों प्रतिनिधिमंडल की बैठक में किन-किन मुद्दों पर चर्चा हुई? इसका विस्तृत ब्यौरा अभी तक सामने नहीं आया है लेकिन शांति वार्ता में यूक्रेन में उत्पन्न मानवीय संकट को खत्म करने के लिए सीजफायर पर सबसे अधिक चर्चा हुई. यह बातचीत के प्रमुख केंद्र में था. इसके अलावा रूस की तरफ से यूक्रेन की सुरक्षा की गारंटी भी शांति वार्ता के केंद्र में थी. यूक्रेन का राष्ट्रपति जेलेंस्की के राजनीतिक सलाहकार मायखाइलो पोडोल्याकी ने बताया कि युद्ध के 34वें दिन भी रूस की ओर से हमले में कोई कमी नहीं आई. इस पर भी बैठक में चर्चा हुई. हालांकि पोडोल्याकी ने इस मुद्दे पर ज्यादा कुछ बताने से इनकार कर दिया.

इस बीच तुर्की के प्रधानमंत्री रिसेप तैयब अर्दोगन ने इस शांति वार्ता की मेजबानी करते हुए दोनों तरफ से युद्ध को समाप्त करने का आह्वान किया है. अर्दोगन ने कहा, दोनों तरफ की वैध चिंताएं हैं. एक ऐसा शांतिपूर्ण समाधान की उम्मीद है जो अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी मान्य हो. उन्होंने कहा कि लंबा युद्ध किसी के हित में नहीं है. 24 फरवरी को यूक्रेन पर हमला शुरू होने के बाद से तुर्की ने दो बार दोनों देशों के बीच वार्ता की मेजबानी की है. इस बार इंस्ताबुल के डोलमाबेचे पैलेस में यह शांति वार्ता हुई.

इससे पहले 10 मार्च को तुर्की के शहर एंतालिया में रूस और यूक्रेन के प्रतिनिधिमंडल की बैठक हुई थी. एक तरफ बोलोदिमीर जेलेंस्की रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से सीधे बातचीत करना चाहते हैं तो दूसरी ओर रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने स्पष्ट कह दिया है कि जेलेंस्की और पुतिन के बीच आमने-सामने तभी बातचीत हो सकती है जब दोनों देशों के बीच मुख्य मुद्दों पर शांति समझौता हो जाए.





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