विश्व भारती विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह में पीएम बोले, भारत के आत्मसम्मान की रक्षा के लिए तो बंगाल की पीढ़ियों ने खुद को खपा दिया था

शांति निकेतन (पश्चिम बंगाल)| विश्व भारती विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि विश्व भारती की 100 वर्ष की यात्रा विशेष है. यह गुरुदेव रवींद्र नाथ टैगोर के चिंतन एवं दर्शन का साकार अवतार है.

पीएम ने कहा कि यहां से कलाकार, साहित्यकार, वैज्ञानिक सहित नई प्रतिभाएं निकली हैं. इस संस्था को ऊंचाई पर पहुंचाने वाले प्रत्येक व्यक्ति का वह आभार जताते हैं. पीएम ने कहा कि शांतिनिकेतन गुरुदेव की ओर से तय किए गए लक्ष्यों को हासिल करने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है.

अपने वर्चुअल संदेश में पीएम ने कहा, ‘प्रकृति को जीवन को साथ लेकर चलने के उद्देश्य की दिशा में यह विवि काम करता है.’ विवि की स्थापना के पीछे सैकड़ों वर्षों का अनुभव और आंदोलनों की पृष्ठभूमि थी.

भारत का स्वतंत्रता आंदोलन विश्व भारती के लक्ष्यों से जुड़ा है. इन आंदोलनों की नीव बहुत पहले रखी गई थी. भारत की आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक एकता को भक्ति आंदोलन ने मजबूत करने का काम किया. हमारे संतों, महंतों एवं आचार्यों ने देश की चेतना जागृत रखने का लगातार प्रयास किया.

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