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आज से खुल गया रेलवे का ड्रीम प्रोजेक्ट ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर, ट्रेनों के लेट होने पर लगेगी रोक

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मंगलवार को पीएम मोदी ने पूर्वी समर्पित मालवहन गलियारा के ‘न्यू भाऊपुर- न्यू खुर्जा’ खंड का उद्घाटन कर दिया है पीएम ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से हरी झंडी दिखाकर उद्घाटन किया. पूर्व केन्द्रीय मंत्री व सांसद महेश शर्मा ने कहा गलियारे के शुरू होने से क्षेत्र को बहुत लाभ होगा.

पीएम मोदी ने इसके उद्घाटन के मौके पर कहा-आज का दिन भारतीय रेल के गौरवशाली अतीत को 21वीं सदी की नई पहचान देने वाला है. भारत और भारतीय रेल का सामर्थ्य बढ़ाने वाला है. आज हम आजादी के बाद का सबसे बड़ा और आधुनिक रेल इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट धरातल पर उतरता देख रहे हैं.

पीएम ने कहा-हमारे यहां यात्री ट्रेन और मालगाड़ियां दोनों एक ही पटरी पर चलती हैं. मालगाड़ी की गति धीमीं होती है. ऐसे में मालगाड़ियों को रास्ता देने के लिए यात्री ट्रेनों को स्टेशनों पर रोका जाता है. इससे यात्री ट्रेन भी लेट होती है और मालगाड़ी भी.

ये फ्रेट कॉरिडोर आत्मनिर्भर भारत के बहुत बड़े माध्यम होंगे. उद्योग हों, व्यापार-कारोबार हों, किसान हों या फिर कंज्यूमर, हर किसी को इसका लाभ मिलने वाला है. विशेष तौर पर औद्योगिक रूप से पीछे रह गए पूर्वी भारत को ये फ्रेट कॉरिडोर नई ऊर्जा देने वाला है. इसका करीब 60% हिस्सा उत्तर प्रदेश में है, इसलिए यूपी के हर छोटे बड़े उद्योग को इसका लाभ होगा.

उन्होंने कहा- आज जब भारत दुनिया की बड़ी आर्थिक ताकत बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है, तब बेहतरीन कनेक्टिविटी देश की प्राथमिकता है. इसी सोच के साथ बीते 6 साल से देश में आधुनिक कनेक्टिविटी के हर पहलू पर फोकस के साथ काम किया जा रहा है.

प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी बयान में पहले कहा गया था कि इस गलियारे का 351 किलोमीटर लम्बा न्यू भाऊपुर- न्यू खुर्जा खंड उत्तर प्रदेश में स्थित है और इसे 5,750 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है.उसके अनुसार, यह खंड स्थानीय उद्योगों जैसे कानपुर देहात जिले के पुखरायां क्षेत्र स्थित एल्यूमीनियम उद्योग, औरैया जिले के दुग्ध उत्पाद उद्योग, इटावा जिले के कपड़ा और ब्लॉक प्रिंटिंग, फिरोजाबाद जिले के कांच के सामान के उद्योग, बुलंदशहर जिले के खुर्जा के पॉटरी उद्योग, हाथरस जिले के हींग उत्पादन और अलीगढ़ के ताले तथा हार्डवेयर उद्योग के लिए नए अवसर खोलेगा.

यह सेक्शन मौजूदा कानपुर-दिल्ली मुख्य लाइन से भी भीड़भाड़ कम करेगा और उस हिस्से में ट्रेनें तेज रफ्तार से चल सकेंगी.उल्लेखनीय है कि पूर्वी ईडीएफसी (1856 मार्ग किमी) लुधियाना (पंजाब) के पास साहनेवाल से शुरू होता है और पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड राज्यों से गुजरकर पश्चिम बंगाल के दानकुनी में समाप्त होता है.

इसका निर्माण ‘डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड’ द्वारा किया जा रहा है, जिसे समर्पित मालवहन गलियारा के निर्माण और संचालन के लिए विशेष रूप से स्थापित किया गया है. डीएफसीसीआईएल पश्चिमी समर्पित मालवहन गलियारा (1504 मार्ग किमी) का निर्माण भी कर रहा है जो उत्तर प्रदेश के दादरी को मुंबई में जवाहरलाल नेहरू पोर्ट से जोड़ता है. वह गलियारा उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र राज्यों से गुजरेगा.

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