Home ताजा हलचल पंजाब में बनने लगे ‘जीत के लड्डू’, नतीजों से पहले विभिन्न राजनीतिक...

पंजाब में बनने लगे ‘जीत के लड्डू’, नतीजों से पहले विभिन्न राजनीतिक दलों ने दिए भारी आर्डर

0

लुधियाना| पंजाब चुनाव के नतीजे आने में महज एक दिन बाकी है लेकिन राज्य भर में मिठाई की दुकान के मालिकों की बल्ले-बल्ले हो रही है. मिठाई की दुकानों को विधानसभा चुनाव में अपनी जीत की उम्मीद में विभिन्न राजनीतिक दलों से “लड्डू” के लिए भारी ऑर्डर मिल रहे हैं.

विभिन्न राजनीतिक दलों के पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने मिठाई की दुकानों के लिए एक लाइन बनाई है और पारंपरिक भारतीय मिठाई के लिए एडवांस में ऑर्डर दे दिए हैं, जिसे जीतने वाले उम्मीदवार के समर्थकों के बीच बड़ी मात्रा में वितरित किया जाता है.

जैसे-जैसे मतगणना की तारिख नजदीक आती है, मिठाई की दुकान के मालिक मांग को पूरा करने के लिए ओवरटाइम काम कर रहे हैं. इस बार जीतने वाले उम्मीदवारों के लिए एक विशेष “5 किलोग्राम जीत का लड्डू” तैयार किया गया है.

इनमें मोती चूर लड्डू, बूंदी लड्डू और देसी घी के लड्डू सहित विभिन्न किस्मों के लड्डू का स्वाद भी ले सकते हैं.

हलवाई एसोसिएशन, पंजाब के अध्यक्ष नरिंदरपाल सिंह पप्पू ने कहा कि कि हर बार चुनाव से पहले अग्रिम आर्डर मिलते हैं लेकिन इस बार ऑर्डर की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है.

पप्पू ने कहा, ‘हमने इस साल अग्रिम आदेशों में वृद्धि देखी है, क्योंकि 2017 के विधानसभा चुनावों के दौरान लगभग 6 क्विंटल की तुलना में हमारे पास पहले से ही 8 क्विंटल से अधिक के ऑर्डर मिल चुके हैं. उन्होंने कहा कि यह अवसर न केवल जीतने वाली पार्टी के लिए उत्सव का क्षण है, बल्कि मिठाई की दुकान के मालिकों के लिए भी लाभदायक है.

उन्होंने कहा, ‘राजनीतिक दलों की तरह जो विजयी होते हैं, यह भी मिठाई की दुकान के मालिकों के लिए भी एक उसी तरह का उत्सव है और मेरे अधिकांश कर्मचारी केवल लड्डू की तैयारी के लिए तैनात हैं. अगर कोई उम्मीदवार हार जाता है तो वे अग्रिम भुगतान वापस कर देते हैं. उन्होंने कहा, ‘भले ही रिफाइंड तेल और सूखे मेवों सहित कच्चे माल की बढ़ती लागत ने मिठाई की कीमत में लगभग 10 रुपये प्रति किलो की वृद्धि की हो, लेकिन मिठाई की दुकान के मालिक इस साल अच्छे कारोबार की उम्मीद कर रहे हैं, जो उन्हें महामारी के कारण हुए नुकसान के बाद हुआ है.’

फील्ड गंज में दर्शन स्वीट्स के मालिक चरणजीत सिंह ने एक हिंदी अखबार को बताया, ‘रिफाइंड तेल जो पिछले साल लगभग ₹1,200 प्रति टिन (15 किग्रा) था, अब लगभग ₹2,700 पर उपलब्ध है. इनपुट लागत बढ़ गई है इसलिए हमें दरें बढ़ाने के लिए मजबूर होना पड़ा.

उम्मीद है कि कीमतों में बढ़ोतरी पर असर पड़ सकता है, लेकिन मतगणना का दिन नजदीक आने के साथ ही मंगलवार दोपहर तक ऑर्डर आने शुरू हो गए.’


NO COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Exit mobile version