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धर्म की सियासत: झारखंड की विधानसभा में सोरेन सरकार की नमाज पॉलिटिक्स पर भाजपा ने लगाई ‘दीवार’

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देश की राजनीति में धर्म और आस्था की जड़ें इतनी गहरी है कि नेताओं का इससे निकल पाना फिलहाल संभव नहीं होता दिख रहा है. अगर बात करें उत्तर प्रदेश की तो यहां साल 2022 में होने वाले विधान सभा चुनाव को लेकर भाजपा के साथ सपा और बसपा ने प्रभु श्रीराम की नगरी अयोध्या को मुख्य केंद्र बिंदु बनाया हुआ है. यूपी चुनाव से पहले बसपा और सपा में भी भगवान राम को अपने पक्ष में करने के लिए होड़ लगी हुई है.

‘सपा-बसपा के अयोध्या प्रेम को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निशाना साधा है’. लेकिन आज बात करेंगे झारखंड में धर्म और आस्था के नाम पर मचे सियासी घमासान की. इस राज्य में झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस के साथ गठबंधन कर सरकार चला रही है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन झारखंड की कमान संभाले हुए हैं. इन दिनों राज्य की सियासत में सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा की सरकार और भाजपा आमने-सामने हैं.

सत्ता और विपक्ष के बीच तकरार की शुरुआत 2 सितंबर से हुई है. ‘विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो ने सदन के अंदर मुस्लिम विधायकों के लिए नमाज पढ़ने के लिए एक अलग से कमरा आवंटित किया था’. तभी से राज्य में भाजपा को विधानसभा का यह आदेश ‘नागवार’ गुजरा और इसके विरोध में सड़क पर उतर आई है. भारतीय जनता पार्टी के विधायक राज्य में मानसून सत्र को लेकर इंतजार कर रहे थे.

‘सत्र की कार्यवाही शुरू होने से पहले सोमवार दोपहर भाजपा विधायकों ने विधानसभा सदन के बाहर बैठकर ही विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया. विधानसभा के बाहर भारतीय जनता पार्टी के विधायकों ने ढोल-मंजीरे और हारमोनियम बजाकर भजन गया, वहीं सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष के विधायकों ने जय श्रीराम, हर-हर महादेव के लगे नारे लगाए’.

भाजपा विधायकों के हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही भी कुछ देर के लिए स्थगित करनी पड़ी. बीजेपी विधायकों ने कहा कि ‘नमाज के लिए अलग कमरा अलॉट करने का आदेश विधानसभा अध्यक्ष को वापस लेना होगा, तभी विधानसभा चल सकेगी’. भाजपा ने इसे पूरी तरह से असंवैधानिक कदम बताया है.

भाजपा के विरोध-प्रदर्शन पर मुख्यमंत्री सोरेन और कांग्रेस ने एतराज जताया
झारखंड विधानसभा में नमाज पढ़ने के लिए कमरा आवंटित करने पर भाजपा विधायकों के विरोध प्रदर्शन को लेकर कांग्रेस का कहना है कि ‘आस्था पर सियासत नहीं करनी चाहिए.

समय से नमाज अदा करने के लिए कमरा अलॉट किया गया है. इस मुद्दे को भाजपा विधायक बेवजह तूल दे रहे हैं’.’ वहीं विधान सभा के बाहर भाजपा के इस विरोध प्रदर्शन पर राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया.

उन्होंने कहा कि ‘जब दल के पास कोई मुद्दे नहीं रह जाते हैं तो इसी तरीके का आचरण अपना कर सदन को बाधित करते हैं. सीएम सोरेन ने कहा कि मन में अगर आस्था हो तब भगवान सब जगह हैं, मन में अगर राक्षस हो तब सब जगह दुश्मन ही दुश्मन हैं. ये पहले से उनका प्लान है. आज प्रश्नकाल था. सरकार सारे सवालों का जवाब देने के लिए तैयार थी’.

बता दें कि भाजपा कार्यकर्ताओं ने रविवार को इस फैसले के खिलाफ राज्य भर में विरोध प्रदर्शन के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और स्पीकर रवींद्र नाथ महतो का पुतला फूंका था. ‘राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास ने कहा कि हेमंत सोरेन सरकार में शामिल विधायक खुलेआम तालिबान का समर्थन करते हैं, राज्य विधानसभा में नमाज के लिए अलग कमरा इसी विचारधारा का नतीजा है, भारतीय लोकतंत्र में विश्वास रखने वाला कोई भी व्यक्ति ऐसी हरकत नहीं करता’.

रघुवर दास ने कहा विधानसभा में नमाज के लिए अलग कमरे के आवंटन का निर्णय यदि नहीं वापस लिया गया तो भाजपा की झारखंड इकाई आंदोलन करेगी. लोकतंत्र के मंदिर की गरिमा को बचाने के लिए मैं स्वयं भी विधानसभा के बाहर धरने पर बैठूंगा. वहीं बीजेपी के वरिष्ठ नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा कि लोकतंत्र के मंदिर को लोकतंत्र का मंदिर ही रहने देना चाहिए, अलग से नमाज अदा करने के लिए कमरे का आवंटित करना सोरेन सरकार का गलत फैसला है.

शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार

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