Home ताजा हलचल मौसम भी बदला: इस बार गर्मी में भी चढ़-चढ़ आए बदरा, अभी...

मौसम भी बदला: इस बार गर्मी में भी चढ़-चढ़ आए बदरा, अभी मॉनसून केरल में लेकिन असर कई राज्यों में

0
सांकेतिक फोटो

देश और दुनिया में बहुत सी बातें नई और अलग तरह की हो रही हैं. यानी ‘बदलाव’ का दौर जारी है. आजकल देशवासियों की ‘जुबान’ पर मौसम का बदला रूप छाया हुआ है. ‘इस बार गर्मी में भी चढ़-चढ़ आ रहे हैं बदरा’. कई राज्यों में हर रोज बदल रहा मौसम का ‘मूड’ लोगों को ‘आश्चर्य’ किए हुए है. यह पिछले एक दशक के बाद देखने को मिल रहा है. सबसे बड़ी बात यह रही कि अगर दो-चार दिन छोड़ दिए जाएं तो इस साल पूरे देश में ‘प्रचंड गर्मी’ नजर नहीं आई.

न सड़कों पर तपिश दिखाई दी न लू (गर्म हवाएं) चली हैं. जिस का मौसम विभाग और मौसम वैज्ञानिक अपने अलग-अलग ‘तर्क’ देने में लगे हुए हैं. फिलहाल केरल में ‘मॉनसून’ ने दस्तक दे दी है. लेकिन इसके अलावा देश के अन्य राज्यों में हर रोज बादल छाए रहते हैं और बारिश भी हो रही है. जबकि इसका अभी इन राज्यों में मॉनसून से कोई लेना-देना नहीं है. फिर भी मौसम लगातार ‘सुहाना’ बना हुआ है. उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड जम्मू कश्मीर, उत्तराखंड, पंजाब, राजधानी दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान में पिछले कुछ दिनों से लगातार बारिश हो रही है.

‘इसके पीछे मॉनसून की वजह से नहीं बल्कि जम्मू कश्मीर में बन रहे एक पश्चिमी विक्षोभ यानी वेस्टर्न डिस्टरबेंस की वजह बताई जा रही है’. ठंडी हवाओं के चलने से तापमान भी अधिकतम 40 के आसपास ही बना हुआ है . कुछ दिनों तक भले ही यह 40 से ऊपर गया हो. दिल्ली की गर्मी तो सबसे अधिक परेशान करती रही है. लेकिन इस बार राजधानी वासियों को ‘लू और गर्म हवाओं का सामना नहीं करना पड़ा’.

जबकि आमतौर पर 15 मई से लेकर 15 जून तक का एक महीना दिल्ली के हिसाब से सबसे गर्म माना जाता है . पिछले 10 सालों में 2011 और 2014 में भी ऐसा हुआ था कि एक भी दिन लू नहीं चली थी. आनेेे वाले दिनों में राजधानी दिल्ली समेत अन्य राज्यों में अधिकतम तापमान 40 से 42 के बीच रहनेे की संभावना बताई जा रही है. ऐसे ही राजस्थान से निकलने वाली गर्म हवाएं अन्य राज्यों में लोगों को झुलसा देती है.

लेकिन इस बार राजस्थान भी अप्रैल-मई के महीने में बारिश से तरबतर रहा. साल के सबसे गरम दिन कहे जाने वाले नौ दिन यानी ‘नौतपा’ बुधवार को समाप्त हो गया. इस दौरान अधिकतम तापमान 43 डिग्री था. ऐसा करीब 10 साल बाद हुआ जब ‘नौतपा’ में तापमान इतना कम रहा. नौतपा के दौरान गर्मी का स्तर 2011 के आंकड़े से भी नीचे चला गया. नौतपा में ही नहीं, पूरी मई के दौरान जितनी गर्मी पड़ती थी, उतनी नहीं पड़ी.

इस कारण जितना वाष्प बनना चाहिए, उतना नहीं बना. कुल मिलाकर इस साल लंबे समय तक गर्मी नहीं पड़ी, जिससे लोगों को राहत मिली . मौजूदा परिस्थिति यह कहती है कि आने वाले दिनों में भी मौसम के बदलाव पर अजीबोगरीब असर देखने को मिलेगा.

शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार

NO COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Exit mobile version