जबरदस्त हंगामे के बीच राज्यसभा से पारित हुआ कृषि बिल, सांसदों ने रूल बुक फाड़ी और माइक तोड़ा

नई दिल्ली| राज्यसभा में कृषि बिल 2020 पर चर्चा के दौरान रविवार को जबरदस्त हंगामा हुआ. हंगामे की वजह से राज्यसभा में ध्वनिमत से बिल को पारित करा दिया गया और हंगामे के बीच पास हो गया. इसके बाद सदन की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी गई है.

हंगामे के दौरान विपक्षी दलों के नेता वेल पर आकर नारेबाजी करने लगे. तृणमूल कांग्रेस सांसद डेरेक ओ’ ब्रायन ने राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश को सदन की नियम पुस्तिका दिखाई और फिर उप सभापति के सामने जाकर इसे फाड़ दिया.

इतना ही नहीं कई सांसदों ने चेयर पर लगे माइक भी तोड़ डाले. इस दौरान उपसभापति के सामने लगा माइक भी टूट गया. कांग्रेस सांसद टी.एन. प्रथपन ने कृषि विधेयकों को किसान विरोधी बताते हुए देश भर में किसानों के विरोध पर लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया है.

कांग्रेस सांसद अहमद पटेल ने कहा, ‘ वैसे तो पढ़ने लिखने में थोड़ा कम ही ये लोग जानते हैं लेकिन पहली बार घोषणापत्र में दिन और रात एक करके उसमें से कुछ चीज निकाली और अपने अध्यादेश से तुलना की कोशिश की. हमारा घोषणापत्र घोड़ा है लेकिन गधे के साथ इन्होंने तुलना करने की कोशिश की.’

इससे पहले कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक 2020 तथा कृषक (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक, 2020 को चर्चा एवं पारित करने के लिए सदन में पेश किया.

तोमर ने कहा कि दोनों विधेयक ऐतिहासिक हैं और इनसे किसानों के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव आएगा. उन्होंने कहा कि इन विधेयकों के प्रावधानों के अनुसार, किसान कहीं भी अपनी फसलों की बिक्री कर सकेंगे और उन्हें मनचाही कीमत पर फसल बेचने की आजादी होगी. उन्होंने कहा कि इनमें किसानों को संरक्षण प्रदान करने के प्रावधान भी किए गए हैं.

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