Home ताजा हलचल छत्तीसगढ़: सीएम भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव आमने सामने, सीएम...

छत्तीसगढ़: सीएम भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव आमने सामने, सीएम की कुर्सी बनी रार की वजह!

0
टीएस सिंहदेव और भूपेश बघेल

इन दिनों देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस अपने बुरे दौर से गुजर रही है. पहले पंजाब फिर राजस्थान और अब छत्तीसगढ़ कांग्रेस में भी कुछ ठीक नही चल रहा है. छत्तीसगढ़ कांग्रेस पार्टी के दो कद्दावर चेहरे यानी सीएम भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव में तनातनी है.

तनातनी के पीछे वो समझौता है जिसका जमीनी पालन होते नहीं दिख रहा है. 2019 में जब छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनी तो उस रेस में भूपेश बघेल और टीएस सिंहदेव दोनों थे हालांकि बाजी मौजूदा सीएम के हाथ लगी.

हालांकि एक तरह का समझौता भी हुआ कि राज्य की कमान 2.5-2.5 वर्ष दोनों लोग संभालेंगे. अगर उस फॉर्मूले पर गौर किया जाए तो राज्य की कमान टीएस सिंहदेव के हाथों में होनी चाहिए. इन सबके बीच दोनों लोग राहुल गांधी से मिलने वाले हैं.

समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, दोनों वरिष्ठ नेताओं का कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी के राज्य प्रभारी पीएल पुनिया से मिलने का कार्यक्रम है. बघेल और देव के बीच तनाव के बारे में खबरें आई हैं, जो 2018 में राज्य में कांग्रेस के सत्ता में लौटने पर मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवारों में से थे.

बघेल ने 17 जून को ढाई साल पूरे किए. माना जाता है कि देव ने बघेल को याद दिलाया था. सत्ता के बंटवारे के फार्मूले के बारे में जाहिर तौर पर 2018 में सहमति बनी थी, जब एक अन्य मंत्री ताम्रध्वज साहू भी शीर्ष पद के दावेदारों में शामिल थे.

टीएस सिंहदेव और भूपेश बघेल दोनों ने कहा है कि केंद्रीय नेतृत्व इस मामले पर अंतिम निर्णय लेगा, दोनों अपने मामले की पैरवी करने के लिए दिल्ली के लगातार दौरे कर रहे हैं. पिछले हफ्ते टीएस सिंह देव ने एक समाचार पोर्टल के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी, जिसने बघेल को 17 अगस्त को इस्तीफा देने का दावा करने वाले एक लेख के स्रोत के रूप में उन्हें कोट किया था.

जनसंपर्क विभाग ने पोर्टल को एक शुद्धिपत्र जारी करने या कानूनी कार्रवाई का सामना करने के लिए कहा था. देव ने 15 अगस्त को की गई कहानी को राज्य के राजनीतिक माहौल को ‘दूषित’ करने के लिए एक ‘नियोजित साजिश’ करार दिया. बघेल विभाग के प्रभारी हैं.

सत्तारूढ़ दल के भीतर दरार तब सामने आई जब देव ने विधानसभा से बहिर्गमन कर अपनी ही सरकार से इस आरोप पर स्पष्टता की मांग की कि उनका एक रिश्तेदार कांग्रेस विधायक बृहस्पत सिंह पर कथित हमले में शामिल था. वो 24 जुलाई को बृहस्पत सिंह के काफिले से कथित रोड रेज की घटना पर सरकार के बयान से असंतुष्ट थे.

NO COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Exit mobile version