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बाबरी विध्वंस मामले में कोर्ट के फैसले के बाद कांग्रेस को छोड़ शिवसेना भाजपा के साथ खड़ी

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अयोध्या के बाबरी विध्वंस मामले में 28 साल बाद बुधवार को आए सीबीआई कोर्ट के फैसले के बाद जहां एक ओर भारतीय जनता पार्टी पूरे देश भर में खुशियां मना रही है.

‘इस बीच भाजपा के मनमुटाव के बावजूद भी शिवसेना ने कोर्ट के फैसले की सराहना करते हुए हिंदुत्व के मुद्दे पर आज भी बीजेपी की खुशियों में शामिल होती दिखी’.

वहीं दूसरी ओर कोर्ट के फैसले पर कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं. शिवसेना नेता संजय राउत ने बाबरी विध्वंस मामले पर सीबीआई कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि 28 साल बाद बाबरी मस्जिद को लेकर जो फैसला आया है उसका हम स्वागत करते हैं.

‘मैं और मेरी पार्टी लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती और अन्य सभी जो इसमें बरी हुए हैं उनका अभिनंदन करते हैं’.

राउत ने आगे कहा कि अदालत ने कहा है कि ये कोई साजिश नहीं थी, ये ही निर्णय अपेक्षित था. हमें उस एपिसोड को भूल जाना चाहिए, अब अयोध्या में राम मंदिर बनने जा रहा है.

आपको बता दें कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण आंदोलन के वक्त शिवसेना भी सक्रिय थी. शिवसेना के संस्थापक दिवंगत बाला साहेब ठाकरे भी बाबरी विध्वंस के मामले के 49 आरोपियों में शामिल थे.

‘भले ही आज महाराष्ट्र में शिवसेना कांग्रेस और एनसीपी के साथ सरकार चला रही है लेकिन हिंदुत्व के मामले में जब जब बात चलती है तब वह भारतीय जनता पार्टी के साथ खड़ी दिखाई पड़ती है, कुछ महीने पहले शिवसेना केे अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने अयोध्या राम मंदिर के दर्शन किए थे और यह बताने का प्रयास किया था कि शिवसेना आज भी राम मंदिर निर्माण और हिंदुत्व और राष्ट्रवाद के साथ भारतीय जनता पार्टी से कम नहीं है’.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी अदालत के फैसले का स्वागत किया है. इसके अलावा गृहमंत्री अमित शाह और केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भी कोर्ट के फैसले की सराहना की है.

वहीं दूसरी ओर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सीबीआई के आरोपों पर सवाल उठाए हैं.


शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार


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