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विशेष स्टोरी: सादगी और साथ लेकर चलने वाली विचारधारा ही तीरथ को दिला गई उत्तराखंड की ‘कमान’

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चौंकाने वाला फैसला. सादगी, शांत स्वभाव और विवादों से दूर रहने वाले एक ऐसे नेता जो उत्तराखंड के नए ‘मुखिया’ बने हैं. जी हां हम बात करेंगे उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री की.

दिल्ली भाजपा हाईकमान ने सारी अटकलों और कयासों को पीछे छोड़ते हुए जब 56 साल के तीरथ सिंह रावत के नाम पर उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री की मुहर लगाई तब राजनीति के जानकारों में भी खलबली मचना स्वाभाविक थी.

त्रिवेंद्र सिंह रावत के इस्तीफे के बाद नए सीएम के लिए जो नाम चल रहे थे, सबके उलट बीजेपी केंद्रीय नेतृत्व ने सौम्य, सरल और पार्टी की धारा में चलने वाले तीरथ सिंह रावत को नया मुख्यमंत्री बना दिया। पीएम नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने तीरथ सिंह पर भरोसा जताकर अगले एक साल तक उन पर राज्य सरकार की जिम्मेदारी सौंप दी.

बता दें कि सियासत में परिस्थितियों के अनुसार चालें बदलती हैं, कार्यवाहक मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत कभी तीरथ सिंह रावत के धुर प्रतिद्वंद्वी माने जाते थे। लेकिन आज बुधवार को देहरादून में भाजपा कार्यालय में जब घड़ी में 11 बजे थे तब त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बहुत ही बुझे मन से खड़े होकर तीरथ सिंह रावत के नाम का एलान करना पड़ा. उसके बाद गढ़वाल के सांसद तीरथ सिंह रावत को विधायक दल की बैठक में पार्टी का नेता चुना गया.

शाम 4:10 पर राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने तीरथ सिंह रावत को उत्तराखंड के दसवें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ दिलाई. दिल्ली में मौजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तत्काल तीरथ सिंह को शुभकामनाएं भी दी. सीएम पद की जिम्मेदारी मिलने के बाद तीरथ सिंह रावत ने प्रधानमंत्री, राष्ट्रीय अध्यक्ष और गृहमंत्री अमित शाह को धन्यवाद किया. उन्होंने कहा कि कल्पना भी नहीं थी कि कभी इतनी बड़ी जिम्मेदारी मिलेगी.

उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री ने कहा कि अटल जी से मैं सबसे ज्यादा प्रभावित हूं. उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री की कमान संभालने के बाद राज्य में नए नेतृत्व के रूप में नई सियासत की पारी का आगाज भी शुरू हो गया.

यहां हम आपको बता दें कि भाजपा केंद्रीय नेतृत्व ने अगले वर्ष होने वाले राज्य में विधानसभा चुनाव को देखते हुए एक ऐसे चेहरे को सामने किया है जिन्हें पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के 4 साल के कामकाज और उत्तराखंड की जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने की चुनौती भी होगी. संगठन और भाजपा नेताओं में जारी गुटबाजी को भी साधने की भी अहम भूमिका निभानी होगी.

शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार

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