सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना मामले में प्रशांत भूषण को फिलहाल कुछ और दिन की राहत मिल गई है. सुप्रीम कोर्ट ने सजा पर फैसले के ऐलान को 10 सितंबर तक के लिए टाल दिया है. भूषण के सामने सुप्रीम कोर्ट ने माफी का विकल्प रखा था. लेकिन उन्होंने माफी मांगने से इनकार कर दिया था. उन्होंने कहा था कि अगर वो अदालत से माफी मांगते हैं तो इसका अर्थ अंतररात्मा की अवमानना होगी.
भूषण ने प्रधान न्यायाधीश और अन्य न्यायाधीशों के खिलाफ ट्वीट किया था जिसे कोर्ट ने अपने संज्ञान में लिया. इस अवमानना मामले की सुनवाई जस्टिस अरुण मिश्रा की अगुवाई वाली पीठ ने की है. इस पीठ में जस्टिस बीआर गवई एवं जस्टिस कृष्ण मुरारी शामिल हैं. भूषण ने गत 27 जून एवं 29 जून को दो ट्वीट् किए थे. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें 22 जुलाई को नोटिस भेजा.
सुप्रीम कोर्ट ने पाया है कि भूषण के ट्वीट कोर्ट की अवमानना करने वाले हैं. अपने पहले ट्वीट में भूषण ने कहा, ‘भविष्य में इतिहासकार जब पिछले छह साल की तरफ मुड़कर देखेंगे तो वे पाएंगे कि भारत में एक औपचारिक आपातकाल के बिना कैसे लोकतंत्र को नुकसान पहुंचाया गया. इस लोकतंत्र के नष्ट होने में वे सुप्रीम कोर्ट की भूमिका का उल्लेख करेंगे. खासकर शीर्ष अदालत के पिछले चार सीजेआई पर सवाल उठाए जाएंगे.
प्रशांत ने कहा, ‘भारत के प्रधान न्यायाधीश 50 लाख रुपए की बाइक चलाते हैं. यह बाइक भारतीय जनता पार्टी के एक नेता की है. ऐसे समय में जब सीजेआई ने सुप्रीम कोर्ट में लॉकडाउन लगा रखा है उन्होंने बिना मॉस्क एवं हेमलेट के बाइक चलाई. इस लॉकडाउन की वजह से देश के नागरिकों को उनके मौलिक अधिकार न्याय पाने से वंचित किया जा रहा है.’
Supreme Court defers to September 10. the 2009 contempt case against lawyer Prashant Bhushan for his tweets against former SC judges. SC requests Chief Justice to place it before appropriate bench pic.twitter.com/a9SBcy4CyK
— ANI (@ANI) August 25, 2020