सुप्रीमकोर्ट ने आईएनएस विराट को डिस्मेंटल करने के फैसले पर लगाई रोक

नई दिल्ली| बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने जहाज को समुद्री संग्रहालय और मल्टीफंक्शनल एडवेंचर सेंटर में बदलने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई के बाद, विमानवाहक पोत आईएनएस विराट को डिस्मेंटल करने के फैसले पर रोक लगा दी है.

बता दें एनविटेक मरीन कंसल्टेंट्स प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी जहाज को समुद्री संग्रहालय में बदलने के लिए आगे आई. जिसे गोवा में ज़ुआरी नदी में डॉक किया जाएगा. गोवा सरकार भी इस परियोजना के लिए आगे आई है और इस संबंध में रक्षा मंत्रालय को पत्र लिखा गया है.

दुनिया में सबसे लंबे समय तक सेवारत युद्धपोत, आईएनएस विराट को तीन साल की सेवा के बाद तीन साल पहले डीकमीशन कर दिया गया था. कोई भी कॉरपोरेट हाउस एक म्यूजियम के लिए पैसा लगाने को तैयार नहीं था. गोवा, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों ने दिलचस्पी दिखाई थी लेकिन किन्हीं कारणों से पीछे हट गए.

क्या है विराट का इतिहास?
हालांकि कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह जहाज 10 साल से ज्यादा तक नहीं रह पाएगा. केंद्रीय जहाजरानी मंत्री मनसुख मंडाविया ने युद्धपोत के लिए बोली लगाने के लिए एक कार्यक्रम में कहा कि सरकार संग्रहालय परियोजना पर 400-500 करोड़ रुपये खर्च करने को तैयार है, लेकिन विशेषज्ञों ने चेतावनी दी कि जहाज 10 साल से अधिक नहीं चलेगा.

आईएनएस विराट को मूलतः ब्रिटिश रॉयल नेवी ने 18 नवंबर, 1959 को एचएमएस हेरेमेस के रूप में कमीशन किया गया था. साल 1982 में फॉकलैंड्स युद्ध के दौरान कार्रवाई देखी गई.

साल 1986 में भारतीय नौसेना इसे खरीदा और तब से यह केंद्र बिंदु रहा है. इससे 5,88,287 नॉटिकल माइल सेलिंग की गई थी. इसका मतलब यह है कि इसने समुद्र में सात साल बिताए.


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