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87 साल बाद फिर से टाटा ग्रुप बन सकती है एअर इंडिया की मालिक…

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सांकेतिक फोटो

नई दिल्ली| टाटा ग्रुप अब सरकारी विमान कंपनी एअर इंडिया के लिए आज(सोमवार) को एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट फाइल कर सकती है. सूत्रों के हवाले से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, टाटा ग्रुप एयरएशिया के माध्यम से यह एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट फाइल करेगी.

एअर एशिया में प्रमुख हिस्सेदारी टाटा ग्रुप के पास ही है. टाटा ग्रुप के अलावा एअर इंडिया के ही 200 कर्मचारियों का एक समूह भी सरकार के सामने ऑफ इंटरेस्ट जमा कर सकता है. एअर इंडिया के लिए रुचि पत्र जमा करने की डेडलाइन सोमवार शाम 5 बजे तक ही है.

कर्मचारियों के इस समूह का दावा है कि फाइनेंशियल इन्वेस्टर्स उनके साथ हैं. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया है कि स्पाइसजेट के मालिक अजय सिंह भी एअर इंडिया में रुचि दिखा रहे हैं. हालांकि, इस बारे में कंपनी की तरफ से कोई जानकारी सामने नहीं आई है.

नहीं बिकी तो बंद करनी पड़ सकती है एअर इंडिया
एविएश मिनिस्टर हरदीप​ सिंहु पूरी ने पिछले साल ही कहा था कि अगर एअर इंडिया नीजिकरण नहीं हुआ तो इसे बंद करना पड़ सकता है. रविवार को उन्होंने कहा कि एअर इंडिया का विनिवेश एक गोपनीय प्रक्रिया है. संबंधि विभाग यानी दीपम उचित समय पर जानकारी देगा.

बता दें कि वर्तमान में टाटा संस की विमान कंपनी विस्तारा है, जिसे वह सिंगापुर एयरलाइंस के साथ मिलकर चलाती है. अब यह किफायती विमान कंपनी एअर एशिया के जरिए एअर इंडिया में रुचि दिखा रही है. सिंगापुर एयरलाइंस इस सरकारी विमान कंपनी में निवेश करने की इच्छुक नहीं थी. एअर इंडिया पर करीब 90,000 करोड़ रुपये का कर्ज है.

हाल ही में टाटा संस ने एयरएशिया में अपनी हिस्सेदारी को 51 फीसदी से बढ़ा लिया है. टाटा ग्रुप ने ही अक्टूबर 1932 में टाटा एयरलाइंस की स्थापना की थी, जिसे आज एअर इंडिया के नाम से जाना जाता है. साल 1953 में इस कंपनी की कमान भारत सरकार के हाथों में चली गई थी.

सरकार ने एअर इंडिया की बिक्री की शर्तों में इस बार बदलाव किया है. इसके तहत एअर इंडिया और एअर इंडिया एक्सप्रेस में 100 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की तैयारी है. पहले यह 76 फीसदी था. इसके अलाव कंपनी AI-STAS में भी 50 फीसदी की अपनी पूरी हिस्सेदारी बेचेगी. अब इस कंपनी के संभावित खरीदार को एंटरप्राइजे वैल्यू के आधार पर बोली लगानी होगी. इसका मतलब है कि पहले 23,000 करोड़ रुपये के डेब्ट की प्री-फिक्स्ड वैल्यू पर खरीदने की जरूरत थी, लेकिन अब नई रकम एअर इंडिया की इक्विटी और डेब्ट दोनों के आधार पर तय होगी.

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