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सुप्रीम कोर्ट ने कहा-पटाखों के इस्तेमाल पर पूर्ण प्रतिबंध नहीं, सिर्फ बेरियम सॉल्ट वाले पटाखे प्रतिबंधित

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सुप्रीम कोर्ट

शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने पटाखों के बैन को लेकर अपना अंतरिम आदेश जारी कर दिया. अंतरिम आदेश के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने पटाखों की लड़ियों के बनाने और बेचने पर पूरी तरह रोक लगा दी है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऐसे पटाखे जिनका निर्माण हो चुका है और कोर्ट के आदेश के अनुसार नहीं बने हैं.

उनको दिल्ली-एनसीआर में बेचने की इजाजत नहीं होगी. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया है कि पटाखों के इस्तेमाल पर पूर्ण प्रतिबंध नहीं है, सिर्फ बेरियम सॉल्ट वाले पटाखे प्रतिबंधित हैं. ग्रीन पटाखे ही बनाए और बेचे जा सकते हैं.

इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि फ्लिपकार्ट, अमेजन समेत दूसरी ऑनलाइन ई कॉमर्स कंपनी पटाखों की ऑनलाइन बिक्री नहीं कर सकेंगी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा अगर कोई ई कॉमर्स कंपनी पटाखों की बिक्री करती है तो उसके खिलाफ कोर्ट की अवमानना का मामला चलाया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार और राज्य सरकारें स्कूल-कॉलेज के जरिए पटाखों से होने वाले नुकसान के बारे में अवेयरनेस कैंपेन चलाएं.

इससे पहले गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण फैलाने वाले पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल पर सख्त नाराजगी जताई. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सभी राज्यों को प्रतिबंधित पटाखों पर लगी पाबंदी को लागू करना होगा. इसके अलावा कोर्ट ने कहा कि प्रतिबंधित पटाखों को बेचने वालों के खिलाफ सीबीआई जांच का आदेश दे सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि पटाखों पर उसके द्वारा रोक लगाना किसी समुदाय या किसी समूह विशेष के खिलाफ नहीं है.

जस्टिस एम आर शाह और जस्टिस ए एस बोपन्ना की बेंच ने स्पष्ट किया कि वो चाहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पूरी तरह से पालन किया जाए. बेंच ने कहा कि पटाखों पर बैन का कोर्ट आदेश किसी त्योहार और किसी धर्म विशेष के खिलाफ नहीं था. हम यहां लोगों के जीवन के अधिकार की रक्षा के लिए बैठे हैं, लेकिन त्योहारों के नाम पर किसी को भी लोगों की जान से खेलने की इजाजत नहीं दी जा सकती है.

पटाखों की बिक्री पर लगे प्रतिबंध के उल्लंघन के मामले की सुनवाई के दौरान बेंच ने कहा कि पटाखों पर रोक का पहले का आदेश व्यापक रूप से कारण बताने के बाद दिया गया था. जस्टिस एमआर शाह ने कहा कि पटाखों पर बैन को लेकर हमारे आदेश पर अमल सुनिश्चित किया ही जाना चाहिए, ये आदेश व्यापक जनहित में दिया गया था. इसे इस तरह से नहीं प्रोजेक्ट नहीं किया जाना चाहिए कि हमने किसी उत्सव विशेष के लिए पटाखों को बैन किया था.

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