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सीएम भूपेश बघेल के बोल, बंगाल में कांग्रेस की ज्यादा ‘संभावना’ नहीं इसलिए राहुल गांधी ने चुनावी रैली रद की

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अभी कुछ दिनों पहले कोरोना की बढ़ती रफ्तार को देखते हुए कांग्रेस के सांसद राहुल गांधी ने बंगाल विधानसभा चुनाव प्रचार न करने का एलान किया था. साथ ही उन्होंने अन्य राजनीतिक दलों से भी प्रचार को खत्म करने की जोरदार तरीके से नसीहत दी थी. राहुल के इस बयान को अच्छा खासा समर्थन भी मिला था . उसके बाद ही बंगाल में तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी चुनावी रैली न करने का एलान कर दिया था.

ऐसे ही लेफ्ट और भाजपा को भी चुनावी रैली न करने की घोषणा करनी पड़ी. लेकिन अब छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राहुल गांधी के बंगाल प्रचार अधिक न करने की वजह बताई. यहां हम आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार है. ‘मुख्यमंत्री बघेल ने एक समाचार चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा कि बंगाल विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को सत्ता मिलने की उम्मीद नहीं है, इसीलिए राहुल ने अपनी आगे की रैलियां रद कर दी थी’.

भूपेश बघेल ने कहा कि जिस तरह बंगाल में कांग्रेस के लिए संभावनाएं नहीं हैं, उसी तरह बीजेपी भी केरल और तमिलनाडु में सत्ता की दौड़ में शामिल नहीं है. फिर भी भाजपा नेताओं ने इन दोनों राज्यों में लगातार रैलियां की. बता दें कि कांग्रेस बंगाल में 92 सीटों पर विधानसभा चुनाव लड़ रही है. कांग्रेस को 2016 के विधानसभा चुनाव में जो 44 सीटें मिली थी उनमें ज्यादातर सीटें उत्तर बंगाल की थीं. मुर्शिदाबाद, मालदा और दिनाजपुर जैसे इलाकों में पिछली बार की तरह नतीजे दोहराने के लिए कांग्रेस जूझ रही है . इस बार जिस तरह से ममता और बीजेपी के बीच कांटे की टक्कर है और कांग्रेस-लेफ्ट इस लड़ाई में कहीं नजर नहीं आ रही हैं.

बंगाल चुनाव प्रचार से दूरी बनाने से राहुल गांधी पर सवाल भी उठे थे. इस पूरे चुनावी सीजन में राहुल ने सिर्फ एक बार 14 अप्रैल को बंगाल का दौरा किया और दो चुनावी जनसभा की थी. उसके बाद कोरोना महामारी का हवाला देकर बंगाल में प्रचार न करने का एलान कर दिया था .

बंगाल में राहुल गांधी के चुनावी जनसभा न करने पर भाजपा ने नाटक बताया
बता दें छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बयान, ‘बंगाल में कांग्रेस की नहीं है संभावना’ के बाद भाजपा को मौका मिल गया है. अभी तक कोरोना महामारी में कांग्रेस के नेता पीएम मोदी, अमित शाह और जेपी नड्डा पर बंगाल चुनाव प्रचार करने के लिए निशाना साध रहे थे. राहुल गांधी के प्रचार न करने को लेकर कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने भाजपा को ‘सीख’ दी थी. हालांकि भाजपा ने भी कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के बंगाल में प्रचार न करने पर ‘नाटक’ बताया था.

‘केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने राहुल गांधी पर तंज कसते हुए कहा कि वो बंगाल में अपनी चुनावी हार से डर गए हैं, इसलिए उन्होंने वहां चुनावी रैलियां करने से मना कर दिया है, रविशंकर प्रसाद ने कहा कि पश्चिम बंगाल में कांग्रेस को पाने के लिए कुछ भी नहीं था, इसलिए कांग्रेस के तमाम शीर्ष नेताओं ने बंगाल में प्रचार करने नहीं गए’ . केंद्रीय मंत्री प्रसाद ने कहा कि अगर बंगाल में कांग्रेस की लहर होती तो राहुल गांधी प्रचार से दूरी क्यों बनाते ? केंद्रीय मंत्री प्रसाद ने कहा कि यह एक बहाना है, क्योंकि कैप्टन (राहुल गांधी ) ने पाया कि उसका जहाज डूब रहा है.

यहां हम आपको बता दें कि राहुल गांधी ने ट्वीट किया था कि कोविड संकट को देखते हुए मैंने पश्चिम बंगाल की अपनी सभी रैली रद करने का निर्णय लिया है, राजनैतिक दलों को सोचना चाहिए कि ऐसे समय में इन रैलियों से जनता व देश को कितना खतरा है.

राहुल के इस बयान के बाद भाजपा और टीएमसी पर दबाव जरूर बढ़ गया था. साथ ही सोशल मीडिया पर भी कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को साथ मिला . लेकिन अब छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बयान के बाद राहुल गांधी की राजनीतिक दलों की नसीहत को जरूर ‘फीका’ कर दिया है.

शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार

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