पितृ अमावस्या पर आओ पितरों का तर्पण कर करें विदा

15 दिन तक चलने वाले श्राद्ध पक्ष का आज समापन है. आज पितृ अमावस्या है. यह श्राद्ध पक्ष का आखिरी दिन माना जाता है. श्राद्ध का आखिरी दिन इसलिए महत्वपूर्ण होता है कोई अपने पितरों या पूर्वजों का श्राद्ध-तर्पण नहीं कर पाया है उसके लिए आज आखिरी मौका होता है.

आज अपने मित्रों को याद करते हुए विदाई दें. मान्यता है कि इस दिन उन लोगों का श्राद्ध करना अच्छा होता है जिनके परिजनों को अपने पितर-पूर्वजों की मृत्यु की तिथि न पता हो. इसके अलावा इस दिन उन महिलाओं का श्राद्ध करना भी लाभदायक होता है जिनकी मृत्यु अपने पति के रहते होती है, यानि वे सौभाग्यवती होकर अपने प्राण त्यागते हैं.

इस दिन वो लोग भी अपने पूर्वजों का श्राद्ध कर सकते हैं, जो किसी कारण वश सही तिथि पर अपने पितरों का पिंडदान आदि न कर पाए हों. ऐसे में इस तिथि के दिन श्राद्ध के करने से पितर प्रसन्न होते हैं और अपना आशीर्वाद बरसाते हैं, जिससे जातक के जीवन में खुशियां व सुख-समृद्धि बढ़ती हैं.

इसलिए कहा जाता है कि इस दिन व्यक्ति को आदर पूर्वक अपने पितरों का तर्पण करना चाहिए. हम आपको बता दें कि हर बार पितृ समापन के दूसरे दिन नवरात्र शुरू हो जाती थी लेकिन इस बार ‘अधिकमास’ होने कारण नवरात्र एक महीने बाद शुरू होंगी.

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