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योगी का पीछा नहीं छोड़ रहे पंचायत चुनाव, अब शिक्षक संघ यूपी सरकार से हिसाब मांग रहा

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सीएम योगी

न जाने कौन सी घड़ी थी जब उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पंचायत चुनाव कराने के लिए तैयार हुई थी. इलाहाबाद हाईकोर्ट से लेकर कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं ने प्रदेश में हुए पंचायत चुनाव कराने पर प्रदेश सरकार को कोरोना फैलने का जिम्मेदार बताया था.

इसके साथ पंचायत चुनाव के नतीजे योगी सरकार की ‘उम्मीदों के मुताबिक’ भी नहीं रहे . समाजवादी पार्टी ने भाजपा के कई गढ़ गोरखपुर, वाराणसी, अयोध्या में ‘सेंध’ लगा दी. दूसरी ओर चुनाव कराने के लिए लगाई गई ड्यूटी के दौरान कई सरकारी कर्मचारियों ने जान भी गंवा दी. मृतकों के परिजनों में अब प्रदेश की भाजपा सरकार के खिलाफ भारी आक्रोश है . पहले ही किसान ‘कृषि बिल’ को लेकर भाजपा से दूरी बनाए हुए है.

इसके साथ कोरोना महामारी से प्रदेश में हो रही लगातार मौतों और गड़बड़ाए स्वास्थ्य ढांचे को लेकर भी लोगों में गुस्सा व्याप्त है. ‘अब उत्तर प्रदेश शिक्षक संघ ने चुनाव ड्यूटी के दौरान शिक्षकों की हुई मृत्यु पर योगी सरकार के खिलाफ आर-पार की लड़ाई का मोर्चा खोल दिया है’ . शिक्षक संघ चाहता है कि सरकार चुनाव ड्यूटी के दौरान हुई शिक्षकों की मौतों के ‘आंकड़ेे’ सही जारी करें और उन्हें मुआवजा दे.

दूसरी ओर यूपी सरकार शिक्षक संघ के दिए गए आंकड़ों को ‘झूठ’ बता रही है. इसी बात को लेकर दोनोंं ओर से आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. यहां हम आपको बता दें कि पंचायत चुनावों में ड्यूटी पर लगे कर्मचारियों की मौत के आंकड़ों पर प्रदेश सरकार और शिक्षक संगठनों की तरफ से अलग-अलग आंकड़े जारी हुए हैं. शिक्षक संगठनों की मानें तो हाल में हुए पंचायत चुनाव में ड्यूटी करने वाले 1,621 शिक्षकों, शिक्षामित्रों और अन्य विभागीय कर्मियों की कोरोना से मौत हुई है.

संगठनों ने सभी के परिजन को एक-एक करोड़ रुपये मुआवजा राशि और आश्रितों को सरकारी नौकरी की मांग की है. इसी को लेकर उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष दिनेश चंद्र शर्मा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक पत्र लिखा है. उन्होंने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के अनुरूप इन सभी मृत शिक्षकों, शिक्षामित्रों तथा अन्य कर्मचारियों के परिजन को एक-एक करोड़ रुपये मुआवजा दिया जाए. वहीं प्रदेश सरकार ने शिक्षक संघ के इस आंकड़े को गलत बताया है.

शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार

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