उत्तराखंड के हल्द्वानी में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की ओर से लिखी गई पुस्तक उत्तराखंडियत मेरा जीवन लक्ष्य का विमोचन हुआ. पुस्तक को हरीश रावत ने अपने राजनीतिक और सांस्कृतिक जीवन के अनुभवों का एक जीवंत दस्तावेज बताया.
रावत ने कहा, “ये उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर, लोक कला और उनके मुख्यमंत्री कार्यकाल की महत्वपूर्ण योजनाओं को रेखांकित करती हैं. यह पुस्तक मेरे जीवन के उस समर्पण को दर्शाती है, जो उत्तराखंडियत के प्रति रहा. पहाड़ के गाढ़-गधेरे, नौले-धारे, पहाड़ी उत्पाद, लोक कला और काष्ठ कला के साथ-साथ मेरे कार्यकाल की जनकल्याणकारी योजनाएं इस पुस्तक में समाहित हैं. मेरे कार्यकाल की योजनाएं जैसे ग्रामीण विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य और पर्यटन को बढ़ावा देने वाली नीतियां इस पुस्तक में समाहित हैं. यह पुस्तक उत्तराखंड के हर उस व्यक्ति को समर्पित है, जो अपनी जड़ों से जुड़ा है.”
समारोह में उनके कई समर्थक भी मौजूद थे. रावत ने 2027 के विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं को एकजुट होने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि 2027 में प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं. अगर हमने 2022 वाली गलतियां दोहराई, तो जीत असंभव होगी. जनता का समर्थन कांग्रेस के साथ है, लेकिन हमें एकजुट होकर मेहनत करनी होगी. इकट्ठे होकर ही पार्टी चुनाव जीत सकती है क्योंकि फिलहाल माहौल कांग्रेस के पक्ष में है, बस हम सभी को एकजुट होकर कार्य करना है.
वहीं, भारत-पाकिस्तान युद्ध में सीज फायर को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि अभी वह इस पूरे मामले का गहनता से अध्ययन करेंगे. ऑपरेशन सिंदूर को लेकर उन्होंने कहा कि भारतीय सेना ने अपने शौर्य और पराक्रम का परिचय देते हुए पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देने का काम किया है. यह भारत की सैन्य ताकत और संकल्प का प्रतीक है.