उत्तराखंड सरकार ने हाल ही में शिशु पैरासिटामोल सिरप की बिक्री पर सख्त निगरानी शुरू की है। खासकर चार वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए इस दवा की बिक्री अब डॉक्टर की पर्ची के बिना नहीं की जाएगी। यह कदम अन्य राज्यों में बच्चों की मौतों से जुड़े मामलों के बाद उठाया गया है, जिनमें संदिग्ध सिरप का सेवन शामिल था।
राज्यभर में स्वास्थ्य विभाग और खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA) की संयुक्त टीमें मेडिकल स्टोर्स की जांच कर रही हैं। अब तक 170 से अधिक सिरप सैंपल लिए गए हैं, जिनका परीक्षण प्रयोगशालाओं में किया जाएगा। सात मेडिकल स्टोर्स के लाइसेंस निलंबित किए गए हैं और संदिग्ध सिरप जब्त कर जांच के लिए भेजे गए हैं।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि बच्चों की सुरक्षा सर्वोपरि है और किसी भी लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने सभी डॉक्टरों और फार्मासिस्टों से अपील की है कि वे बिना पर्ची के बच्चों को पैरासिटामोल सिरप न दें।
यह कदम राज्य में दवा सुरक्षा और गुणवत्ता सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण है, जिससे बच्चों को सुरक्षित और प्रभावी उपचार मिल सके।