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उड़ान के 118 साल: राइट ब्रदर्स ने पहली बार हवाई जहाज उड़ा कर दुनिया के सामने किया था ‘करिश्मा’

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118 साल पहले आज के दिन दुनिया के सामने एक ऐसा आविष्कार हुआ था जो उस दौर में बिल्कुल ही अकल्पनीय था. यह करिश्मा अमेरिका के दो भाइयों ने कर दिखाया. इस चमत्कार से दुनिया हैरान रह गई. आज आप देख रहे हैं आसमान के रास्ते आवागमन के साधन के लिए प्रयोग किए जाने वाले हवाई जहाजों को उड़ते हुए. यह राइट बंधुओं की वजह से संभव हो पाया. दोनों भाइयों की इस सफलता के पीछे असफलता की कई कहानियां थीं. दोनों की हवाई जहाज बनाने की कई कोशिशें नाकाम हुईं, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी. बता दें कि पहली ‘हवाई यात्रा’ करने वाले ऑरविले राइट का जन्म 19 अगस्त, 1871 को हुआ था.

उन्होंने अपने बड़े भाई विल्बर के साथ मिलकर हवा से भारी पहला विमान बनाकर और उड़ाकर दिखाया था. आज का दिन दुनिया के लिए बेहद ही खास है. बता दें कि 17 दिसंबर 1903 को दोनों भाई जमीन से 120 फीट ऊपर 12 सेकंड की उड़ान भरने में कामयाब हुए. ये दो भाई थे विल्बर और ऑरविले राइट, जिन्होंने पहली बार किसी विमान को उड़ाया था. इस विमान का नाम दोनों भाइयों के नाम पर राइट फ्लायर रखा गया. समूची मानव समाज के लिए ये किसी कारनामे से कम नहीं था. आसमान में उड़ने का इंसान का सपना हकीकत में बदल चुका था. लेकिन इसके लिए राइट बंधुओं की कड़ी मेहनत और कई बार मिली विफलताओं के बाद चमत्कार संभव हो सका.

राइट ब्रदर्स कभी नहीं गए थे कॉलेज, उन्हें मशीनों से लगाव था

आपको बता दें कि दुनिया को विमानों के बारे में पहली बार बताने वाले राइट ब्रदर्स कभी कॉलेज तक नहीं गए थे. इसके बाद भी उन्‍होंने वो सब कर दिखाया जो दूसरे नहीं कर सके. इसकी वजह थी कि उन्‍हें मशीनों से काफी लगाव था. जब ये दोनों भाई छोटे थे तब उनके पिता ने एक खिलौना लाकर उन्‍हें दिया था, जो काफी कुछ आज के हेलिकॉप्‍टर जैसा ही था. दोनों भाइयों ने अपना विमान उड़ाने से पहले इस खिलौने को हवा में उड़ाने का प्रयत्‍न किया था.

लेकिन इन्‍हें कोई सफलता हासिल नहीं हुई थी. इस काम में उनकी मदद एक साइकिल मैकेनिक ने की. इस मैकेनिक चार्ली की बदौलत वो एक ऐसा इंजन बनाने में सफल रहे थे जो वजन में केवल 200 पौंड का था लेकिन ये इंजन को 12 हॉर्स पावर की ताकत देता था. इंजन पर सफलता हासिल करने के बाद उनके सामने विमान में लगने वाले प्रोपेलर की समस्‍या आई. पानी में चलने वाले यान में लगने वाले प्रोपेलर इसके लिए सही नहीं थे. इसके बाद उन्‍होंने ग्लाइडर ‘किटी हॉक’ में ये इंजन और प्रोपेलर लगाकर विमान तैयार किया. इस विमान के साथ उन्‍होंने 17 दिसंबर 1903 को पहली उड़ान भरी. बता दें कि राइट बंधुओं के अविष्कार को लेकर काफी विवाद भी हुए थे, फ्रांस की एक कंपनी ने भी इस तरह का आविष्कार करने का दावा किया लेकिन 1908 में पूरी दुनिया ने राइट बंधुओं के आविष्कार को मान्यता दे दी.

–शंभू नाथ गौतम

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