ईरान के तेल और पेट्रोकैमिकल कारोबार में शामिल होने के आरोप में अमेरिका ने भारत की छह कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिया है. इन कंपनियों को ईरान के साथ व्यापार करने का दोषी माना गया है. अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने बुधवार को इन प्रतिबंधों की घोषणा की. मंत्रालय का कहना है कि इन भारतीय कंपनियों ने ईरानी तेल और पेट्रोकैमिकल उत्पादों की खरीदी और बिक्री में अहम योगदान दिया है. ये अमेरिका के प्रतिबंधों का उल्लंघन है. अमेरिका ने आरोप लगाया, भारत की इन कंपनियों ने उनके प्रतिबंधों को नजरअंदाज किया और ईरान के साथ करोड़ों रुपये का व्यापार किया.
इन-इन भारतीय कंपनियों पर अमेरिका ने की कार्रवाई
1.अलकेमिकल सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड: इस कंपनी पर अमेरिका ने सबसे बड़ा आरोप लगाया है. आरोप है कि इस कंपनी ने जनवरी से दिसंबर 2024 के बीच 84 मिलियन डॉलर यानी करीब 700 करोड़ रुपए से ज्यादा के ईरानी पेट्रोकेमिकल उत्पाद आयात किए है.
2.ग्लोबल इंडस्ट्रियल केमिकल्स लिमिटेड: जुलाई 2024 से जनवरी 2025 तक इस कंपनी ने 51 मिलियन डॉलर (करीब 425 करोड़ रुपए) से ज्यादा के ईरानी मेथनॉल सहित अन्य उत्पाद खरीदे.
3.ज्यूपिटर डाई केम प्राइवेट लिमिटेड: इस कंपनी ने जुलाई 2024 से जनवरी 2025 तक टोल्यून सहित ईरानी उत्पादों का करीब 49 मिलियन डॉलर का आयात किया.
4.रमणिकलाल एस. गोसालिया एंड कंपनी: इस कंपनी ने लगभग 22 मिलियन डॉलर के पेट्रोकेमिकल्स खरीदे, जिसमें मेथेनॉल और टॉल्युइन शामिल हैं.
5.पर्सिस्टेंट पेट्रोकेम प्राइवेट लिमिटेड: अक्टूबर से दिसंबर 2024 के बीच कंपनी ने 14 मिलियन डॉलर का ईरानी मेथेनॉल खरीदा.
6.कंचन पॉलिमर्स: इस कंपनी पर आरोप है कि इसने 1.3 मिलियन डॉलर के ईरानी पॉलीइथिलीन उत्पाद खरीदे हैं.
आखिर क्यों लगाया प्रतिबंध
अमेरिका की मेक्सिम प्रेशर की नीति के तहत भारतीय कंपनियों पर प्रतिबंध लगाया गया है. अमेरिका का कहना है कि तेल और पेट्रोकैमिकल उत्पादों की बिक्री से जो आमदनी होती है, ईरान उसका इस्तेमाल मध्य पूर्व में अस्थिरता फैलाने और आतंकी संगठनों को फंड देने में करता है. अमेरिका ने कहा कि इन प्रतिबंधों का उद्देश्य किसी को सजा देना नहीं है, बल्कि व्यवहार में बदलाव लाना है. ये कंपनियां अगर चाहें तो अमेरिका के ट्रेजरी विभाग से प्रतिबंध हटाने के लि अप्लाई कर सकती हैं.
इन देश की कंपनियों पर भी प्रतिबंध
अमेरिका ने भारत के साथ-साथ तुर्किये, यूएई, इंडोनेशिया और चीन की कुछ कंपनियों को भी निशाना बनाया है. अमेरिका का इन सभी कंपनियों पर आरोप है कि ये कंपनियां ईरान के तेल व्यापार में सहयोग कर रहीं थीं.