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भारत की 3 जगह यूनेस्को की अस्थाई लिस्ट में शामिल, पीएम मोदी के जन्मस्थान को भी मिली जगह

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भारत की 3 सांस्कृतिक जगहों को यूनेस्को के विश्व धरोहर की संभावित लिस्ट में शामिल किया गया है. इसमें मोढेरा का सूर्य मंदिर, गुजरात का ऐतिहासिक वडनगर शहर (पीएम मोदी का जन्म स्थान) और त्रिपुरा में उनाकोटी की चट्टानों को काटकर बनाई गई मूर्तियां शामिल हैं. ये जानकारी भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने दी है.

केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी ने यूनेस्को की लिस्ट के लिए ज्यादा स्मारकों और जगहों की लगातार पहचान करने के लिए ASI को बधाई दी. उन्होंने ट्विटर पर बधाई देते हुए कहा, “बधाई हो भारत! भारत ने यूनेस्को की अस्थाई सूची में 3 और स्थल जोड़े हैं. पहला गुजरात का वडनगर बहुस्तरीय ऐतिहासिक शहर, दूसरा मोढेरा का सूर्य मंदिर और तीसरा उनाकोटी जिले की उनाकोटी श्रृंखला में पत्थरों पर उकेरी गई मूर्तियां.”

यूनेस्को की लिस्ट में भारत की कितनी जगह?
यूनेस्को की अस्थायी विरासत लिस्ट उन संपत्तियों की लिस्ट है, जिन पर हर राज्य की सरकार नामांकन के लिए विचार करना चाहती है. हालांकि किसी भी सांस्कृतिक, प्राकृतिक या मिश्रित विरासत स्थल को यूनेस्को की विश्व विरासत लिस्ट में शामिल करने के लिए अस्थायी सूची में किसी साइट को जोड़ना एक आवश्यक शर्त है. अस्थायी लिस्ट में इसका स्थान इस बात की गारंटी नहीं देता है कि इसे लिस्ट में शामिल किया जाएगा.

भारत के पास अब यूनेस्को की अस्थायी लिस्ट में 52 जगह हैं, जो भारत की विविध सांस्कृतिक और प्राकृतिक संपदा सें संबंधित हैं. पिछले साल, भारत ने इस लिस्ट में छह साइटों को जोड़ने का प्रस्ताव पेश किया था. इनमें सतपुड़ा टाइगर रिजर्व, वाराणसी के ऐतिहासिक शहर के प्रतिष्ठित रिवरफ्रंट, हायर बेंकल के महापाषाण स्थल, महाराष्ट्र में मराठा सैन्य वास्तुकला, नर्मदा घाटी-जबलपुर में भेड़ाघाट-लमेटाघाट और कांचीपुरम के मंदिर शामिल हैं.

वडनगर शहर क्यों है खास?
गुजरात का वडनगर एक छोटा सा शहर है. पुरातत्व विशेषज्ञों की माने तो ये शहर 2 हजार साल पुराना है. वडनगर में खुदाई में बौद्ध काल के अवशेष मिले हैं जिसमें गुप्त काल की बुद्ध की एक प्रतिमा, खोल चूड़ियां, कलाकृतियां और स्तूप मिले हैं. रेड्डी ने कहा कि वडनगर नगरपालिका एक बहुस्तरीय ऐतिहासिक शहर है, जिसका इतिहास लगभग 8वीं शताब्दी ईसा पूर्व तक फैला हुआ है. उन्होंने कहा, “शहर में अभी भी बड़ी संख्या में ऐतिहासिक इमारतें हैं, जो मुख्य रूप से धार्मिक और आवासीय प्रकृति की हैं.” बता दें कि वडनगर शहर में ही देश के मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्म भी हुआ था.

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