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मंत्रिमंडल विस्तार: पीएम मोदी के ‘महारथी’ बनने के लिए कई नए चेहरे बेकरार, सजने लगा शपथ का स्टेज

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देश की राजनीति कभी शांत नहीं रहती है. हर दिन दिल्ली से लेकर राज्यों में उथल-पुथल का दौर जारी रहता है पिछले दिनों उत्तराखंड नेतृत्व परिवर्तन को लेकर देश की ‘सुर्खियों’ में छाया रहा.

ऐसे ही पंजाब में भी मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच ‘तनातनी’ अभी भी खत्म होने का नाम नहीं ले रही है

वहीं हरियाणा में कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और पार्टी की प्रदेश अध्यक्ष कुमारी शैलजा का विवाद बढ़ता जा रहा है.

राजस्थान में भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट पिछले वर्ष शुरू हुआ ‘टकराव’ जारी है. कुछ दिनों पहले उत्तर प्रदेश में भी योगी सरकार के बीच मचा ‘घमासान’ कई दिनों के बाद शांत हुआ.

आज हम राज्यों में ‘सियासी लड़ाई’ की नहीं बल्कि राजधानी दिल्ली में ‘सजने’ जा रहा मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर बात करेंगे.

8 जुलाई गुरुवार को होने जा रहा मोदी मंत्रिमंडल विस्तार के लिए संभावित मंत्रियों के नामों को लेकर सियासी ‘हलचल’ तेज है. मंगलवार को केंद्र ने इसकी शुरुआत कर दी है राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 8 प्रदेशों में नए राज्यपालों की नियुक्ति की है.

जिसमें, केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत को कर्नाटक का राज्यपाल बनाया गया है. थावरचंद गहलोत के अलावा हरिबाबू कंबापति को मिजोरम का राज्यपाल नियुक्त किया गया है.

वहीं मंगूभाई छगनभाई पटेल को मध्य प्रदेश का राज्यपाल बनाया गया है। राजेंद्र नाथ विश्वनाथ अर्लेकर को हिमाचल प्रदेश का राज्यपाल नियुक्त किया गया है.

मिजोरम के गवर्नर पीएस श्रीधरण को गोवा भेजा गया है. साथ ही हरियाणा के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य को त्रिपुरा का राज्यपाल बनाया गया है.

वहीं त्रिपुरा के राज्यपाल रमेश बैस को झारखंड स्थानांतरित किया गया है. बंडारू दत्तात्रेय को हरियाणा का राज्यपाल बनाया गया है. दत्तात्रेय हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल थे.

मोदी कैबिनेट में अभी 28 मंत्री पद खाली हैं ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि कम से कम 20-25 सांसदों को मंत्री पद की शपथ दिलाई जा सकती है.

इसके लिए पिछले दिनों राजधानी दिल्ली में प्रधानमंत्री मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा संगठन महामंत्री बीएल संतोष के साथ दो दिनों तक कैबिनेट विस्तार पर बैठकें की हैं. इस कैबिनेट विस्तार में उत्तर प्रदेश के साथ उत्तराखंड को भी अच्छी खासी जगह मिल सकती है.

बता दें कि इसकी वजह अगले साल दोनों राज्यों में होने जा रहे विधानसभा चुनाव भी माना जा रहा है. अब आइए जान लेते हैं वे कौन से नाम हैं जो पीएम मोदी के महारथी बन सकते हैं.

उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड समेत कई राज्यों का केंद्र सरकार में बढ़ेगा प्रतिनिधित्व

उत्तर प्रदेश से अपना दल की अनुप्रिया पटेल का नाम सबसे आगे है. अनुप्रिया पिछले महीने दिल्ली जाकर अमित शाह से भी मिली थीं. उनके अलावा वरुण गांधी, रामशंकर कठेरिया, अनिल जैन, रीता बहुगुणा जोशी, जफर इस्लाम मंत्री बनाए जाने की चर्चा है.

दूसरी ओर उत्तराखंड से पिछले दिनों मुख्यमंत्री पद से हटाए गए सांसद तीरथ सिंह रावत, राज्यसभा सदस्य एवं भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी, नैनीताल से सांसद अजय भट्ट और इसी साल मार्च में मुख्यमंत्री पद से हटाए गए त्रिवेंद्र सिंह रावत के नाम भी मंत्री पद के दावेदारों में शुमार बताए जा रहे हैं.

इनके अलावा लद्दाख से भाजपा सांसद जामयांग नामग्याल, कर्नाटक से प्रताप सिन्हा, पश्चिम बंगाल से जगन्नाथ सरकार, शांतनु ठाकुर या निसिथ प्रामाणिक, हरियाणा से बृजेंद्र सिंह, राजस्थान से राहुल कासवान, ओडिशा से अश्विनी वैष्णव, दिल्ली से परवेश वर्मा या मीनाक्षी लेखी का नाम भी शपथ लेने वालों में हो सकता है.

मध्य प्रदेश से भाजपा की सरकार बनाने में अहम रोल निभाने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया मोदी कैबिनेट का नया युवा चेहरा बनना तय है.

बिहार से लोजपा से सांसद पशुपति कुमार पारस और जेडीयू के आरसीपी सिंह को मंत्री बनाया जा सकता है. (बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कम से कम तीन मंत्रालय देने पर अड़े हुए हैं).

वहीं महाराष्ट्र से भाजपा सांसद हिना गावित, नारायण राणे को केंद्र में मंत्री बनाया जा सकता है. उनके अलावा भूपेंद्र यादव, पूनम महाजन और प्रीतम मुंडे का नाम भी चर्चा में है. हालांकि अभी इन नामों में अंतिम ‘मुहर’ लगना बाकी है.

संभावना है आज रात तक मंत्री बनने वाले सभी के नाम तय कर लिए जाएंगे, जो तय कर लिए गए हैं, उनको दिल्ली बुलाने के लिए फोन की घंटी बजनी शुरू हो गई है.

शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार

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