सोमवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम बदलकर शिक्षा मंत्रालय करने को मंजूरी दे दी. यह जानकारी एक आधिकारिक अधिसूचना में दी गयी है. नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के मसौदे में मंत्रालय का नाम बदलने समेत कई अहम सिफारिशें की गयी थीं.
पिछले ही महीने केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस नीति को मंजूरी दी थी. सोमवार रात प्रकाशित गजट अधिसूचना में कहा गया है कि राष्ट्रपति ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम बदलकर शिक्षा मंत्रालय करने को मंजूरी दे दी है.
अधिसूचना के अनुसार, शिक्षा मंत्रालय का नाम 1985 में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के कार्यकाल में बदलकर मानव संसाधन विकास मंत्रालय कर दिया गया था. इसके अगले साल एनईपी लायी गयी थी और उसे 1992 में संशोधित किया गया था.
पी वी नरसिम्हा राव, राजीव गांधी मंत्रिमंडल में पहले मानव संसाधन विकास मंत्री बने थे. नरेंद्र मोदी सरकार ने इसरो के पूर्व अध्यक्ष के कस्तूरीरंगन की अगुवाई में एक समिति को नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति बनाने का जिम्मा सौंपा था. समिति ने पहला प्रस्ताव मंत्रालय का नाम फिर बदलने का रखा था. वर्ष 2018 में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के अध्यक्ष और ‘कॉन्फ्रेंस ऑन एकेडमिक लीडरशिप ऑन एजुकेशन फॉर रिसर्जेंस’ की संयुक्त संगठन समिति के भी अध्यक्ष राम बहादुर राय ने यह विचार रखा था.
President Ram Nath Kovind notifies Union Cabinet’s decision to rename Ministry of Human Resource Development (HRD) as Ministry of Education. pic.twitter.com/EL5hhteZ3r
— ANI (@ANI) August 17, 2020