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सद्दाम हुसैन और मुअम्मर गद्दाफी का जिक्र कर राहुल का पीएम मोदी पर तंज – कहा, चुनाव ये भी जीतते थे

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राहुल गांधी

पिछले दिनों भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने इराकी तानाशाह सद्दाम हुसैन और लीबियाई तानाशाह गद्दाफी का नाम लेकर प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा था. अब कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी विदेशी छात्रों से बातचीत करते हुए तानाशाह सद्दाम हुसैन और गद्दाफी का नाम लेकर पीएम मोदी पर तंज कसते हुए कहा इराक के तानाशाह सद्दाम हुसैन और लीबिया के सैन्य शासक मुअम्मर गद्दाफी भी चुनाव जीता करते थे.

ब्राउन यूनिवर्सिटी के साथ एक ऑनलाइन कार्यक्रम में राहुल ने कहा कि सद्दाम और गद्दाफी चुनाव जीतते थे. लोग वोट भी करते थे लेकिन उन वोटों की सुरक्षा करने के लिए वहां कोई संस्थागत ढांचा नहीं था.

स्वीडन स्थित संस्था वैरिटीज ऑफ डेमोक्रेसी (वी-डेम) ने लोकतांत्रिक आजादी में गिरावट का उल्लेख करते हुए भारत का दर्जा घटाकर ‘चुनावी तानाशाही’ किया है जबकि फ्रीडम हाउस संस्था ने देश के लोकतांत्रिक दर्जे का स्तर कम करते हुए उसे ‘आजाद देश’ से ‘आंशिक स्वतंत्र’ किया है. इन संस्थाओं की रिपोर्टों पर यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर आशुतोष वार्षणेय के सवालों का जवाब देते हुए राहुल ने ये बात कही.

कांग्रेस नेता ने पीएम मोदी हमला करते हुए आगे कहा, ‘संसद में भारतीय जनता पार्टी के सांसद मुझे बताते हैं कि उनकी किसी विषय पर खुली चर्चा नहीं होती. वे कहते हैं कि उन्हें बताया जाता है कि उन्हें क्या बोलना है.’

भारत सरकार ने इन संस्थाओं की रिपोर्टों को खारिज किया है. सरकार का कहना है कि ये रिपोर्टें ‘गुमराह करने वाली, गलत और अनुचित’ हैं. राहुल ने आगे कहा, ‘चुनाव का मतलब केवल यह नहीं होता है कि लोग मतदान केंद्र जाएं और वहां वोटिंग मशीन के बटन को दबाएं. चुनाव एक नजरिए पर होता है.

चुनाव उन संस्थाओं के बारे में होता है जो यह सुनिश्चित करना होता है कि देश का लोकतांत्रिक ढांचा सही तरीके से काम करे. चुनाव का मतलब होता है कि न्यायपालिका निष्पक्ष और संसद में बहस हो.’

संस्थाओं द्वारा भारत के लोकतांत्रित स्तर को कम किए जाने के सवाल पर कांग्रेस नेता ने कहा, ‘भारत में स्थिति अत्यंत खराब है लेकिन हमें विदेशी संस्थाओं के प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं है.’ राहुल ने कहा कि कांग्रेस में उन्होंने आंतरिक लोकतंत्र को बढ़ावा देते हुए पार्टी में कई नेताओं को आगे बढ़ाया है.

राहुल गांधी का ‘लोकतांत्रिक आजादी’ पर बयान ऐसे समय आया है जब कांग्रेस में इसे लेकर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं में असंतोष है और वे पार्टी अध्यक्ष पद के चुनाव को निष्पक्ष तरीके से कराए जाने की मांग कर रहे हैं.

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