निर्मला सीतारमण का डीएमके पर हमला, जाति जनगणना पर श्रेय लेने का किया खंडन

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने तमिलनाडु सरकार के उस दावे को खारिज किया है, जिसमें कहा गया था कि आगामी जनगणना में जाति आधारित गणना को शामिल करना उनकी पार्टी डीएमके की “कड़ी मेहनत की जीत” है।

सीतारमण ने शुक्रवार को चेन्नई में पत्रकारों से बातचीत में इस कदम को गरीब और हाशिए पर रहने वाली जातियों के लिए समावेशी विकास सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लिया गया बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि डीएमके इस मुद्दे को राजनीतिक लाभ के लिए भुना रही है।

सीतारमण ने कहा, “वे समानता की बात करते हैं, लेकिन अब जाति आधारित गणना को अपनी सफलता मान रहे हैं। यदि वे इसे अपनी उपलब्धि मानते हैं, तो उन्हें अपनी राजनीति से जातिवाद को हटाना चाहिए।”

उन्होंने राज्य में जातिवाद की घटनाओं का हवाला देते हुए कहा कि तमिलनाडु में आज भी दुकानों के बोर्डों पर मालिकों की जाति लिखी जाती है और कुछ क्षेत्रों में पीने के पानी में मानव मल मिलाने जैसी घटनाएं हुई हैं। उन्होंने डीएमके से आग्रह किया कि जातिवाद को समाप्त करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।

सीतारमण ने यह भी स्पष्ट किया कि GST ने मध्यवर्ग पर अतिरिक्त कर का बोझ नहीं डाला है और यह कर प्रणाली राज्यों के वित्त मंत्रियों की सहमति से लागू की गई है।

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