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पिक्चर अभी बाकी है! एनसीपी की बागडोर को लेकर शरद पवार ने किया प्लान बी तैयार

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शरद पवार

राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष पद से शरद पवार द्वारा इस्तीफे की पेशकश करने के बाद पार्टी की बागडोर को लेकर तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं. एक तरफ ये कयास लगाया जा रहा है कि पार्टी की पूरी जिम्मेदारी अजीत पवार को मिल सकती है. वहीं अब सूत्रों से जानकारी मिली है कि शरद पवार के पास एनसीपी को लेकर प्लान बी भी है. इसके तहत सुप्रिया सुले और अजीत पवार दोनों को ही जिम्मेदारी मिल सकती है.

एनसीपी में शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जा सकता है और अजीत पवार को प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी जा सकती है. ताकि राष्ट्रीय स्तर पर सारे फैसले सुप्रिया सुले ले सके और राज्य लेवल पर अजीत पवार जिम्मेदारी संभाल सकें और दोनो के बीच कोई मतभेद ना हो, वो अपने-अपने काम के फैसले ले सके. बता दें कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार ने मंगलवार को यह कहकर सबको चौंका दिया था कि उन्होंने पार्टी का अध्यक्ष पद छोड़ने का फैसला किया है.

वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले उनके इस नाटकीय कदम का राष्ट्रीय और महाराष्ट्र की राजनीति पर असर पड़ सकता है. पवार (82) ने यहां यशवंतराव चव्हाण प्रतिष्ठान में अपनी आत्मकथा के संशोधित संस्करण के विमोचन के अवसर पर 1999 में स्थापित अपनी पार्टी का अध्यक्ष पद छोड़ने का ऐलान किया, जिस पर पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने उनसे फैसला वापस लेने की मांग की. इस दौरान कई नेता और कार्यकर्ता रोते देखे गए. पवार ने अध्यक्ष पद छोड़ने की घोषणा करते हुए कहा कि पार्टी नेताओं की एक समिति को उनके उत्तराधिकारी का चुनाव करने पर निर्णय करना चाहिए.

बाद में, पवार के आवास पर पार्टी नेताओं की समिति की बैठक हुई, जिसके बाद राकांपा नेता अजित पवार ने घोषणा की कि उनके चाचा को अपने फैसले पर ‘सोचने के लिए’ दो-तीन दिन के समय की जरूरत होगी. दिग्गज नेता का यह कदम अजित पवार के अगले राजनीतिक कदम की अटकलों के बीच आया है.

शरद पवार की घोषणा राकांपा की लोकसभा सदस्य और उनकी बेटी सुप्रिया सुले द्वारा यह संकेत दिए जाने के एक पखवाड़े से भी कम समय के बाद आई है कि 15 दिन में दो राजनीतिक ‘विस्फोट’ होंगे- एक दिल्ली में और दूसरा महाराष्ट्र में. सोनिया गांधी के विदेशी मूल का मुद्दे उठाने की वजह से कांग्रेस द्वारा निष्कासित किए जाने के बाद शरद पवार ने राकांपा का गठन किया था.

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